सोलन ब्रेकिंग : आधी हकीकत आधा फसाना निकली स्कूली छात्रों को डराकर उनसे रुपये वसूलने की कहानी, मारपीट कर वीडियो वायरल करने पर अभिभावक फंसे
सोलन। स्कूली बच्चों से रुपये वसूलने के मामले में सोलन पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इसमें कई आरोपों को पुलिस ने सिरे से नकारा है तो कुछ आरोपों पर आधी हकीकत आधा फसाना की बानगी सामने आई है। अलबत्ता इस मामले में आरोपी नाबालिग बच्चों के साथ मारपीट की वीडियो वायरल करने वाले अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। पुलिस जांच में रुपये जमा करने वाले छात्रों के साथ किसी प्रकार की मारपीट की पुष्टि नहीं हुई है।
सोलन के एसपी गौरव सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले 18 मार्च को देवठी क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने सोलन की शहर चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि इनका बेटा सोलन के एक स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ता है। महिला के साथ कुछ अन्य अभिभावक दो नाबालिग छात्रों को पकड़ कर लाए थे। महिला ने पुलिस को बताया कि उनके बेटे ने उन्हें जानकारी दी कि पिछले कुछ समय से सोलन शहर के अलग—अलग स्कूलों में पढ़ने कुछ वाले छात्र उससे व कक्षा नौ में पढ़ने वाले उसके दोस्त से डरा धमकाकर पैसे मांगते हैं, महिला का आरोप था कि अभी तक इनके बेटे व इसके दोस्त से 2लाख 45 हजार रुपये ले लिये गए हैं।
महिला की शिकायत पर पुलिस थाना सोलन सदर में मामला दर्ज कर लिया गया। इस मामले की जांच के दौरान वारदात में कथित तौर संलिप्त दो नाबालिग छात्रों से उनके परिजनों के समक्ष पूछताछ की गई व बाद में उन्हें उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान ज्ञात हुआ है कि पीड़ित छात्रों द्वारा जिन कुछ नाबालिग छात्रों पर इनसे पैसे वसूलने के आरोप लगाये गये हैं, उनमें से दो छात्र इन्ही पीड़ित छात्रों के साथ पढ़ते हैं। जबकि बाकी के छात्र शहर के अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते हैं तथा सभी एक दूसरे के परिचित व दोस्त हैं । छानबीन के दौरान पता चला कि ये सभी छात्र आपस में मिलकर पैसे इकट्ठे करके स्कूल के साथ की दुकान में खर्च करते थे तथा ऑन लाईन गेम भी खेलते थे ।
इसके अतिरिक्त स्कूल के साथ ही बने साईबर कैफे से भी यह छात्र आनलाईन गेमिंग के लिये रिचार्ज करवाते थे । कैफे के मालिक ने पूछताछ बताया कि 5 मार्च व 6 मार्च को भी उक्त छात्रों के द्वारा आनलाईन फ्री फायर गेमिग के लिये रिचार्ज करवाया गया था।
एसपी ने बताया कि इसके अतिरिक्त हाल ही में 18 वर्ष के हुए एक अन्य आरोपी युवक उन्हें आनलाईन गेमिग की आईडी बेचता था तथा यह छात्र आपस में गेमिग की आईडी को खरीदते बेचते थे। जिसके लिये इन छात्रो ने उस युवक को पैसे भी दिये थे ।
एहोंने बताया कि जांच में यह भी पाया गया है कि ये छात्र स्केली छात्रों से पैसे इकठ्ठे करने के लिये इन छात्रों को न तो डराते धमकाते थे न ही उन्हें किसी प्रकार की धमकी देकर, चाकू दिखाकर जोर जबरदस्ती करते थे, अपितू ये छात्र स्वेच्छा से गेमिंग आईडी ख़रीदने या रिचार्ज करने आदि के लिए इन आरोपी छात्रों को पैसे दे देते थे। ये सभी एक दूसरे को काफी समय से जानते थे ।
उन्होंने बताया कि 18 मार्च को जब इन छात्रों को शिकायतकर्ता द्वारा काबू किया गया था तो उस दौरान उनके पास कोई भी हथियार, चाकू, रॉडया नक्कल आदि बरामद न हुआ था । शिकायतकर्ता ने भी अपनी शिकायत में इनसे किसी प्रकार के हथियार बरामद होने का कोई जिक्र न किया था।
उन्होंने बताया कि मामले की जांच के दौरान पाया गया कि शिकायकर्ता सरकारी व प्राईवेट पेशा करते है। शिकायतकर्ताओं द्वारा इनके बच्चों से छात्रों द्वारा कितने पैसे लिये गये, इसका कोई ब्यौरा उपलब्ध नहीं करवाया गया है। न ही इस संदर्भ में कोई रिकार्ड पेश किया है कि इन्होंने घर में इतने पैसे कैसे रखे थे ।
साथ ही छात्रों के परिजनों ने इस संदर्भ में कोई भी शिकायत पुलिस प्रशासन या स्कूल में दर्ज न करवाई थी । एसपी के अनुसार इसके अतिरिक्त अभी तक की जांच से ऐसा कोई भी साक्ष्य सामने न आया है जिससे इन आरोपी छात्रों का किसी गैंग से सम्बन्ध हो या ये नशा तस्करी में संलिप्त रहे हों ।
पीड़ित छात्रों के स्कूल प्रधानाचार्य व इनके कक्षा अध्यापकों से की गई पूछताछ पर पाया गया है दिसंबर से स्कूल की छुट्टियां थी, फरवरी से स्कूल दोबारा खुले थे, स्कूल खुलने के बाद बाद इन छात्रों के पास पहले भी कई बार कक्षा में पैसे मिले थे, जिसकी सूचना स्कूल प्रबन्धन द्वारा इनके परिजनों को दी गई थी, परन्तु परिजनों ने इस सन्दर्भ में स्कूल प्रशासन से कोई सम्पर्क नहीं किया गया ।
इसके अतिरिक्त जांच में यह भी पाया गया है कि स्कूल परिसर में इस प्रकार की वारदात न हो, इसके लिये स्कूल प्रबन्धन द्वारा प्रतिदिन अध्यापकों की डियूटी लगाई जाती है तथा इससे पूर्व कभी भी इस प्रकार की वारदात किसी भी छात्र व अभिभावक द्वारा स्कूल प्रशासन के संज्ञान में नहीं लाई गई ।
एसपी ने बताया कि वारदात में संलिप्त आरोपी छात्रों को पीड़ित बच्चों के माता पिता ने बिना पुलिस को बताये और बिना पुलिस की मदद के ख़ुद ही ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से डीटेन करके सार्वजनिक स्थान पर मारपीट की और इनको गंदी गंदी गालियां भी दीं और ऐसा करते हुये एक विडियो वायरल किया गया। इस प्रकार के अंसवेदनशील और गैर कानूनी कृत्य पर दोनों आरोपी छात्रों का चिकित्सा परीक्षण करवाया गया। और इनके साथ मारपीट करके विडियो वायरल करने वाले आरोपी अभिभावकों के विरूद्ध पुलिस थाना सदर सोलन में मारपीट, उन्हें कैद करने और उनके साथ वीडियो वायरल करने पर आईपीसी की अनेक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।