त्वरित टिप्पणी : पीएम की मुफ्त वैक्सीन और कांग्रेस का पोलियो की ड्रॉप, मुफ्त राशन योजना और केजरीवाल का घर-घर राशन प्लान
तेजपाल नेगी
भारत के प्रधान सेवक एक बार फिर छोटा पर्दे पर अवतरित हुए और उनकी आलोचना करने वालों पर तंजों के बीच दो बड़ी घोषणएं करके चले गए। पहली घोषणा अब प्रदेश सरकारों को दी गई 25 प्रतिशत वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार वहन करेगी। यानि अब केंद्र सरकार सभी देशवासियों को टीका लगाएगी। सिर्फ उन लोगों को छोड़कर जो अपने खर्चे पर निजी चिकित्सालयों में जाकर टीका लगवाना चाहते हैं। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि कई राज्य सरकारों ने स्वयं माना है कि वे टीकाकरण कराने में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। यह अच्छी बात है कि केंद्र सरकार देश के नागरिकोें के लिए टीका स्वयं लगाने का निर्णय ले रही है। इस ऐलान को अगर आप ध्यान से सुनें तो मोदी कई बार मुफ्त शब्द का उच्चारण करते हुए सुनाई पड़ते हैं। इससे यह प्रतिध्वनित हो रहा था कि जैसे केंद्र सरकार अभी तक हुए वैक्सीनेशन का कोई पैसा लोगों से वसूल कर रही थी। लेकिन ऐसा था नहीं, न तो केंद्र सरकार ने और ना ही राज्य सरकार सरकार ने अभी तक टीका लगवाने की एवज में कोई पैसा लिया। अलबत्ता मोदी जी की भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में स्वयं जरूर ऐलान किया था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर सबको मुफ्त में टीका लगवाया जाएगा। उस वक्त टीका तैयार होने की प्रकिया में था इसलिए भ्रम की स्थिति पैदा हुई। बाद में भाजपा के ही नेतृत्व ने साफ किया कि ऐसा नहीं है। पूरे देश में सबका टीकाकरण मुफ्त ही किया जाएगा। ऐसे में आज फिर मोदी जी का मुफ्त शब्द पर जोर देना थोड़ा असहज सा कर गया। उन्होंने साफ किया है कि भारत में बनने वाली वैक्सीन का 75 प्रतिशत टीका कंपनी से भारत सरकार ही खरीदेगी। यह काम पहले ही हो जाता तो इतनी परेशानी वाली बात नहीं होती। कंपनियां शेष 25 प्रतिशत बेच सकती हैं लेकिन संभवत: विदेशों को नहीं बल्कि निजी चिकित्सालयों को वह भी निर्धारित रेट पर। पीएम ने 25 प्रतिशत की बात की, इसलिए संभवत: शब्द का इस्तेमाल कर रहा हूं विदेशों के लिए।
उन्होंने इससे पहले अपने भाषण की शुरूआत की अपनी चिर परिचत शैली में विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि इससे पहले साठ साल में विभिन्न महामारियों के टीकाकरण अभियान तो चले लेकिन अब तक सिर्फ साठ प्रतिशत आबादी ही उसका लाभ उठा सकी है। इस बीच उन्होंने पोलियो का भी नाम लिया। लेकिन यहां कोरोना और पोलियो ड्राप की तुलना करते हुए वे भूल गए कि पोलियो का टीका हर छोटे बच्चे को लगाया जाना होता है और जन्म व मरण एक निरंतर चलने वाली प्रकिया है और कोरोना का टीका पहली बात तो बच्चों के फिलहाल लग ही नहीं रहा है दूसरे जिन्हें लग रहा है उन्हें फिलवक्त उनकी जान बचाने के लिए लग रहा है। इसलिए इस अभियान का गति पकड़ना बहुत आवश्यक है। दोनों अभियानों की तुलना नहीं की जा सकती हां पोलियो ड्राप भी बिल्कुल मुफ्त ही है।
इसके बद उन्होंने दूसरी घोषणा कि गत वर्ष शुरू किए गए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को आगे बढ़ाने की। उन्होंने साफ किया कि यह अभियान नवंबर यानी दीपावली तक जारी रहेगा। अब यह रायान कितना होगा, राश्न डिपो वाले को उसमें क्या लाभ होगा। यह उन्होंने नहीं बताया। यहा स्मरण करा दें कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार के घर घर मुफ्त राशन पहुंचाने के अभियान के खिलाफ राशन विक्रेता भी मैदान में आ गए थे। उनका कहना था कि मुफ्त राशन की योजना से उनके परिवारों के पेट पर लात मारी जा रही है। बाद में केंद्र ने इस योजना पर आपत्ति लगाते हुए इसे रूकवा दिया था। जब प्रधानमंत्री ने इस योजना को पूरे देश में लागू कर दिया है तो इसका क्या अर्थ लिया जाए। मामला अस्सी करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने का है। बाकी पूरे भाषण में अपनी सफाई और बढ़ाई ही दिखाई पड़ी। वैक्सीन भारत में ही बनी वगैरह..वगैरह..अब इस पर कोई कुछ नहीं बोलना चाहता।