खबरदार : उत्तराखंड में प्रेशर हार्न पूरी तरह बैन, शांत और आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण पर लगेगा अच्छा खासा जुर्माना
देहरादून। राज्य में प्रेशर हार्नों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। टीएसआर2 कैबिनेट ने कई क्षेत्रों को शांत और आवासीय क्षेत्र घोषित करते हुए यहां भी लाउडस्पीकर के लिए मानक तय कर दिए गए हैं। अब इन क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण पर एक हजार से 40 हजार रुपये तक जुर्माना काटा जाएगा।
व्यक्तिगत रूप से इस नियम का उल्लंघन करने वाले को पहली बार में 1000, दूसरी बार में 2500 और तीसरी बार में 5000 रूपये जुर्माना भरना होगा। धार्मिक उत्सव, मनोरंजन कार्यक्रमों के माध्यमों से ध्वनि प्रदूषण करने वालों परपहली बार में 5000, दूसरी बार में 10000 अैर तीसरी बार में 15000रूपये जुर्माना देना होगा। होटल व पब के माघ्यम से ध्वनि प्रदूषण करने वालों पर पहली बार में 10,000 दूसरी बार में 15,000 और तीसरी बार में 20,000 रूपये जुर्माना ठोका जाएगा।
औद्योगिक इकाई, खनन आदि के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण वाले पर पहली बार में 20000, दूसरी बार में 30,000 और तसरी बार में 40 हजार रूपये तक का जुर्माना ठोके जाने का नियम बनाया गया है।
कैबिनेट की बैठक में लाए गए प्रस्ताव में बताया गया है कि केंद्र सरकार की ओर से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 बनाया गया है। जिसके तहत ध्वनि के संबंध में विभिन्न क्षेत्र जैसे शांत क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, वाणिज्यिक क्षेत्र व औद्योगिक क्षेत्रों में दिन और रात में ध्वनि के मानक तय कर दिए गए हैं।
अमर उजाला.कॉम की रिपोट्र के अनुसार बैठक में कहा गया कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय, जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और 50 एवं इससे अधिक बिस्तर के हेल्थ केयर फैसिलिटी वाले संस्थान का कम से कम सौ मीटर का क्षेत्र शांत क्षेत्र होगा। इसके अलावा शैक्षिक संस्थान के परिसर का कम से कम सौ मीटर क्षेत्र, संरक्षित वन क्षेत्र व सरकार द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत अधिसूचित कोई अन्य वन क्षेत्र शांत क्षेत्र होगा।
आवासीय क्षेत्र
किसी स्थानीय विकास प्राधिकरण की ओर से किसी जोनल प्लान, मास्टर प्लान के तहत चिह्नित अधिसूचित क्षेत्र या राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर सुसंगत नियमों के तहत किसी सरकारी परियोजना के तहत आवासीय क्षेत्र के रूप में चिह्नित, अधिसूचित आवासीय क्षेत्र, आवासीय व ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी।
वाणिज्यिक क्षेत्र
स्थानीय विकास प्राधिकरणों, जिला प्राधिकरणों और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर सुसंगत नियमों के तहत वाणिज्यिक क्षेत्र के रूप में अधिसूचित क्षेत्र।
औद्योगिक क्षेत्र
राज्य सरकार के उद्योग विभाग, जिला प्राधिकरणों, सिडकुल या फिर अन्य सक्षम अधिकारी द्वारा सुसंगत नियमों के तहत औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अधिसूचित क्षेत्र।