जगत प्रकाश नड्डा: बिलासपुर की शान, उनके राजनीतिक जीवन पर एक नजर

सुमन डोगरा,बिलासपुर। विजयपुर गांव के निवासी जेपी नड्डा को मोदी सरकार के मंत्रीमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया है। इससे पहले नड्डा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 11वें अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। दो महीने पहले उनको गुजरात से राज्यसभा के सदस्य बनाया गया था।। जेपी नड्डा ने इससे पहले भी 2014 से 2019 तक दूसरे मोदी मंत्रालय में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा के संसदीय बोर्ड के सचिव के रूप में कार्य किया है।

हिमाचल में भी रहे हैं मंत्री
वह 1993 से 2003 तक और फिर 2007 से 2012 तक हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर सदर से विधायक चुने गए। उन्होंने 2007 से 2012 तक हिमाचल प्रदेश सरकार में वन, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में भी कार्य किया।

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व्यक्तिगत जीवन
नड्डा का जन्म 2 दिसंबर 1960 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के बोध गांव में श्री नारायण लाल नड्डा और श्रीमती कृष्णा देवी के घर हुआ था। नड्डा ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पटना के सेंट जेवियर्स स्कूल से पूरी की। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से कला स्नातक की डिग्री और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला के विधि संकाय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। वह तैराकी में अच्छे थे और उन्होंने दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय जूनियर तैराकी चैंपियनशिप में बिहार का प्रतिनिधित्व किया था। जेपी नड्डा ने दिसंबर 1991 में डॉ मलिका नड्डा से विवाह किया और उनके दो बेटे गिरीश और हरीश हैं। दोनो ही पुत्र विवाहित हैं।

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राजनीतिक जीवन
वर्तमान भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा का राजनीतिक जीवन 1975 में बिहार आंदोलन (जिसे जेपी आंदोलन भी कहा जाता है) के एक कार्यकर्ता के रूप में शुरू हुआ। इसके बाद, वह एबीवीबी में शामिल हो गए और पटना विश्वविद्यालय में छात्र केंद्रीय संघ का चुनाव लड़ा और 1977 में सचिव बने।

उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1977 से 1979 के बीच रांची में छात्र राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल रहे। इसके बाद उन्होंने अपने गृहनगर बिलासपुर से छात्र नेता के रूप में अपना राजनीतिक आंदोलन शुरू किया। फिर वे रांची विश्वविद्यालय से हिमाचल विश्वविद्यालय, शिमला चले गए, जहाँ उन्होंने एलएलबी की डिग्री हासिल की और एबीवीपी के अध्यक्ष भी चुने गए।

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वैसे नड्डा के राजनीतिक करियर की असली यात्रा 1993 में शुरू हुई जब वे बिलासपुर निर्वाचन क्षेत्र से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए। 1994 से 1998 तक विधानसभा के दौरान वे अपने दल के नेता भी रहे। इसके बाद वे 1998 में फिर से चुने गए और विधानसभा में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में कार्य किया। नड्डा को 2007 में बिलासपुर निर्वाचन क्षेत्र से एक और कार्यकाल मिला। उन्हें प्रेम कुमार धूमल सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया तथा 2008 से 2010 तक वे वन, पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रभारी रहे।

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2012 के चुनाव में नड्डा ने दोबारा चुनाव नहीं लड़ा और राज्यसभा के लिए चुने गए। फिर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया। बाद में, उन्हें जून 2019 में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया और जनवरी 2020 में उन्हें सर्वसम्मति से भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया, यह भूमिका उन्होंने अमित शाह से संभाली।

नड्डा हमेशा से ही संतुलन और परिपक्वता की प्रतिमूर्ति रहे
नड्डा हमेशा से ही गतिशीलता, दृढ़ संकल्प, संतुलन और परिपक्वता की प्रतिमूर्ति रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता और पूर्व छात्र नेता के रूप में उनका चुनौतीपूर्ण सफर काफी लंबा रहा है।

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भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ रहे
नड्डा दिग्गज राजनीतिज्ञ अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और भैरों सिंह शेखावत के प्रभाव में बड़े हुए, जिन्होंने उनके राजनीतिक जीवन के हर कदम पर उनका मार्गदर्शन किया। उन्हें उदार और ग्रहणशील होने की अपनी विशेषताओं के लिए जाना जाता है।

जेपी नड्डा द्वारा संभाले गए पद

नड्डा ने भाजपा और भारत सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उनके कुछ उल्लेखनीय पद इस प्रकार हैं:

1993-98, 1998 – 2003 और 2007 – 2012: सदस्य, हिमाचल प्रदेश विधान सभा।
1994-98: हिमाचल प्रदेश विधान सभा में भाजपा विधायक दल के नेता।
1998 – 2003: कैबिनेट मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा संसदीय कार्य, हिमाचल प्रदेश सरकार
2008 – 2010: कैबिनेट मंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार
अप्रैल 2012: राज्य सभा के लिए निर्वाचित
मई 2012 से: परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय स्थायी समिति के सदस्य
अगस्त 2012 से: सदस्य, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी संसदीय स्थायी समिति
मई 2013 से: सदस्य, विशेषाधिकार संबंधी संसदीय स्थायी समिति
2014-2019 – केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री
जनवरी 2020 से आगे 8 जून 2024 तक – भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष

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