अल्मोड़ा– प्रो• दीवान सिंह रावत बने कुमाऊं विश्वविद्यालय के नए कुलपति
अल्मोड़ा– प्रो• दीवान सिंह रावत को कुमाऊं विश्व विद्यालय का नया कुलपति बनाया गया है, राज्यपाल द्वारा कुमाऊं विश्व विद्यालय के कुलपति के पद पर प्रो• दीवान सिंह रावत को सहर्ष स्वीकृति प्रदान करी गई है
बता दें कि प्रो• दीवान सिंह रावत राज्य के बागेश्वर जिले के रहने वाले हैं। अब तक कई पुरस्कारों से नवाजे जा चुके डॉक्टर रावत ने पिछले वर्ष एक लाइलाज बीमारी पार्किसन की दवा की खोज की थी। सबसे खास बात तो यह है इस लाइलाज बीमारी की दवा खोजने वाले वह पहले भारतीय थे। उन्होंने यह सफलता अपनी लम्बी रिसर्च के बाद हासिल की थी।
जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के काफलीगैर तहसील के रेखोली गांव निवासी डॉक्टर दीवान सिंह रावत को दिल्ली यूनिवर्सिटी का नया डीन बनाया गया है। बता दें कि पहाड़ से पढ़ाई पूरी करने के उपरांत डॉक्टर रावत ने कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से रसायन विज्ञान में परास्नातक की डिग्री 1993 में हासिल की। इस दौरान उन्होंने समूचे विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान भी हासिल किया, जिसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया। परास्नातक करने के उपरांत उन्होंने केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान से पीएचडी की। जिसके बाद उन्होंने कई प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्य भी किया। वर्ष 2003 में वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के रसायन विभाग में एक रीडर के तौर पर शामिल हुए। अपने कठिन परिश्रम और ज्ञान के बलबूते उन्हें 2010 में पदोन्नति प्रदान कर दिल्ली यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर बनाया गया।
बताते चलें कि डॉक्टर रावत के रसायन विज्ञान के क्षेत्र में दिए गए योगदान और किए गए शोधकार्यों के कारण उन्हें कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। जिनमें सीआरएसआई युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, आईएससीबी युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, इंटरनेशनल साइंटिफिक पार्टनरशिप फाउंडेशन (रूस), जापान एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (जापान) आदि सम्मिलित हैं