जीवन कौशल और सामुदायिक पहॅुच बढ़ाने के प्रो मनराल ने दिए पांच मूल मंत्र

अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्विद्यालय परिसर के शिक्षा संकाय विभाग में पांच दिवसीय जीवन कौशल विकास एवं समुदाय पहुंच कार्यशाला के चतुर्थ दिवस में प्रो भीमा मनराल, विभागाध्यक्ष एवं शिक्षा संकायाध्यक्ष द्वारा एमएड द्वितीय सेमेस्टर के प्रशिक्षुओं से समूह परिचर्चा कर जीवन कौशलों से संबंधित विविध पहलुओं पर विचार विमर्श किया। 

प्रो मनराल ने जीवन कौशल और सामुदायिक पहॅुच बढ़ाने के पांच मूल मंत्र भी दिये। कार्यक्रम समन्वयक डाॅ ममता असवाल द्वारा यूनीसेफ द्वारा  निर्धारित विभिन्न कौशलों के विषय में जानकारी दी। साथ ही  संवेगात्मक संतुलन निर्धारित करने हेतु बल दिया। उन्होंने बताया कि मानवीय संबंधों को महत्व दिया  जाना चाहिए, साथ ही व्यक्ति को अपने संवेगों को समझना चाहिए। 

तत्पश्चात प्रतिभागियों द्वारा संवेगात्मक कोलाज के माध्यम से संवेगों को नियंत्रित करना सीखा। प्रशिक्षुओं ने प्रजेंटेशन के माध्यम से नियंत्रण एवं संतुलन की विभिन्न विधियों पर चर्चा की। कार्यक्रम में शोधार्थी मदीप टम्टा, गेस्ट फैकल्टी सरोज जोशी, ललिता रावल, मनोज कार्की एवं एमएड द्वितीय सेमेस्टर के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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