हल्द्वानी…दीया तले अंधेरा : राजकीय महाविद्यालयों में गुरूओं का पदनाम सम्मानजनक रखे जाने का प्रस्ताव बैरंग वापस, चलते रहेंगे ‘काम चलाऊ’ व ‘नितांत अस्थाई’ जैसे पद नाम

हल्द्वानी। उत्तराखंड के राजकीय महाविद्यालयों में न्यूनतम वेतन पाकर भी ज्ञान बाँट रहे गुरुओं के सम्मानजनक पदनाम पाने की आशा धूमिल हो गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रेषित पदनाम परिवर्तन के प्रस्ताव को शासन ने बैरंग वापस करते हुए साफ किया है कि विचारोपरांत नितांत अस्थाई शिक्षकों के पदनाम परिवर्तन की आवश्यकता नहीं पाई गयी है।

नई दिल्ली …ब्रेकिंग न्यूज : केजरीवाल को हुआ कोरोना, उत्तराखंड समेत पंजाब और चंडीगढ़ में हड़ंकप


यहाँ बताते चलें कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके डिग्री कालेज के पूर्व प्राध्यापक डॉ. सन्तोष मिश्र उच्च शिक्षा में गुरुओं के लिए काम चलाऊ, नितान्त अस्थाई जैसे शब्दों को अपमानजनक बताते हुए प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करने के लिए पत्र भी लिख चुके हैं।

यह भी पढ़ें 👉  ब्रेकिंग न्यूज : पति-पत्नी के झगड़े में बीच बचाव करने गए पड़ोसी की पति ने सिर पर रॉड मारकर कर दी हत्या
ऐसे आदेशों से होती है काम चलाऊ व नितांत अस्थाई प्रवक्ताओं की भर्ती
ऐसे आदेशों से होती है काम चलाऊ व नितांत अस्थाई प्रवक्ताओं की भर्ती

सितारगंज/ नानकमत्ता… खुलासा : पुलिस ने किया चौहरे हत्याकांड का खुलासा, दोस्त ने ही रची थी साजिश, 3 गिरफ्तार, एक फरार

डॉ. मिश्र का कहना है कि उत्तराखंड के उच्च शिक्षा विभाग ने गुरु, शिक्षक, प्राध्यापक जैसे सम्मानीय पद का नाम कामचलाऊ, नितान्त अस्थाई कर दिया है। गेस्ट, फैकल्टी, विज़िटिंग फैकल्टी, अतिथि प्राध्यापक जैसे नामों के होते हुए भी काम चलाऊ, नितान्त अस्थाई जैसे अपमानजनक नाम उच्च शिक्षित बेरोजगारों को हतोत्साहित ही करते हैं।

मोटाहल्दू…राजनीति : लालकुआं में पोस्टर छुपाओ, अपनी टीआरपी बढ़ाओ अभियान शुरू!

यह भी पढ़ें 👉  कंगना उवाच : योगी आदित्यनाथ का नारा बंटोगे तो कटोगे एकता का आहृवान

एक तरफ यूजीसी के द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन 50000 न देकर उनका हक मारा जा रहा है और दूसरी तरफ ऐसे नामकरण। लोक में एक कहावत है कि गुड़ न दे तो गुड़ जैसी बात तो करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *