बागेश्वर ब्रेकिंग : सरकार का ऐलान 28 को ही होगी नर्सिंग की परीक्षा, परीक्षार्थियों काले फीते बांध कर किया विरोध
बागेश्वर। सरकार ने अपने फैसले से पलटते हुए एक बार फिर नर्सिंग भर्ती परीक्षा 28 मई को ही कराने का फैसला करतो लिया है लेकिन अब सरकार के इस निर्णय का तैयारी कर रही नर्सें ही विरोध कर रही है। उनका कहना है कि सरकार के बार बार इस मामले में अलग अलग निर्णयों से भर्ती परीक्षा में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। सरकार के निर्णय के खिलाफ बागेश्वर में नर्सों ने काले फीते बांध कर अपनी ड्यूटी दी।
परीक्षार्थियों के साथ ही अभिभावको ने कोरोना के बढ़ते इस संक्रमण के दौर में परीक्षा करवाना औचित्यहीन बताया है। उन्होंने वरिष्ठता के आधार पर स्टाफ नर्स की भर्ती करने की मांग की है। कोरोना महामारी में विगत वर्ष से कार्य कर रहे नीतू लखेड़ा, ज्योति,नॉमिता सिंह, किरन सिंह, रेवती दीपक जोशी, प्रेमा पम्मी आदि का कहना है कि पूर्व में स्टाफ नर्स की भर्ती वरिष्ठता व अंकों के गुणांक के आधार पर की जाती थी वही प्रक्रिया इस कोरोना काल में भी अपनायी जानी चाहिए ताकि चिकित्सालयों में स्टाफ नर्स की कमी को भी पूरा किया जा सके और कोरोना के संक्रमण से भी बचा जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जहां कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लाॅक डाउन का सहारा लिया जा रहा है ऐसे वक्त में भर्ती परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों को घर से बाहर निकाला जाना औचित्यहीन है। साथ ही नर्सिंग परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों में से कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जो विगत वर्ष से कोरोना वायरस आइसोलेशन वार्ड में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं उनके पॉजिटिव होने की संभावना भी हो सकती है ऐसे में उनके द्वारा संक्रमण के बढ़ने की संभावना ज्यादा हो सकती है, उन्होंने कहा कि पूर्व से चली आ रही चयन प्रक्रिया के आधार पर वरिष्ठता व अंक गुणांक के अनुसार नियुक्ति की जाए और उनको प्रथम वरीयता दी जाऐ, जो चयन आयु की सीमा को पूर्ण कर रहे हों और जो वर्षों से संविदा पर अल्पवेतन में अपनी सेवाऐ दे रहे हैं। उन्हें प्राथमिकता में चयन करना चाहिए।