बागेश्वर न्यूज़ : पीआरडी जवान की बेकारी के कारण भूखो मरने की नौबत, धरना किया शुरू

बागेश्वर। थाने से लेकर सरकारी दफ्तरों और चौराहों की रक्षा एवं सुरक्षा में तत्पर रहने वाला एक पीआरडी (प्रांतीय रक्षक दल) जवान तंगहाली भरा जीवन काटने को मजबूर है। घर की आर्थिक स्थिति तो इतनी बद्तर हो चुकी है कि कई बार परिवार को रात में भूखा सोना पड़ता है.ये दुःख़द स्थिति है पीआरडी जवान मदन मोहन भट्ट की। जो आज नौकरी की मांग को लेकर विकास भवन बागेश्वर में धरने पर बैठा हुआ है।


जवान भट्ट के अनुसार उन्होंने 2002 में पीआरडी की ट्रेनिंग की थी. जिला प्रांतीय रक्षा दल व युवा कल्याण विभाग का बागेश्वर जिले का ऑफिस भी अल्मोड़ा में ही हुआ करता था तब वहीं डॉक्यूमेंट जमा हुए थे और उन्होंने इस दौरान अलग अलग विभाग में भी नौकरी की थी। युवा कल्याण विभाग व प्रांतीय रक्षक दल बागेश्वर में आने के बाद विभाग द्वारा उन्हें कोई भी ड्यूटी नहीं दी गई है। जबकि विभाग में उनका नाम पिछले 18 साल से पंजीकृत है।

ड्यूटी देने की मांग करने पर विभागीय अधिकारी अल्मोड़ा से अपने कागजात लाने को कहते हैं या फिर टालमटोल करते हैं । जबकि मेरे पास घर से विकास भवन आने तक के पैसे नहीं हैं। घर की माली हालत इतनी खराब है कि बच्चों के लिये दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है। बस जबतक विभाग द्वारा ड्यूटी नहीं दी जायेगी तब तक धरना जारी रहेगा। वहीं युवा कल्याण व प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी अर्जुन रावत का कहना है कि मदन मोहन भट्ट से बार बार डॉक्यूमेंट जमा करवाने को कहा गया है। उनके द्वारा प्रांतीय रक्षक दल का पुराना कोई भी कागज जमा नहीं कराया गया है।
जो भी हो एक गरीब सरकारी तंत्र की बेरुखी चक्की में पिस रहा है।

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