सोलन ब्रेकिंग : रश्मि हत्याकांड में पति के बाद ससुर भी गिरफ्तार
सोलन। दिव्यांग पति द्वारा दिव्यांग पत्नी की हत्या के मामले में अब पुलिस ने मृतका के ससुर को गिरफ्तार कर लिया है।आगामी पूछताछ के लिए उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि 13 अप्रैल को इस मामले में थाना पर सूचना प्राप्त हुई थी कि सोलन के कलीन से रशमी नामक महिला उपचार के लिए चिकित्सालय लाया गया था। जिसे डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस टीम अस्पताल पहुंची तो मृतका के गले पर खरोच के निशान पाए गए इस पर पुलिस ने मृतका रशमी के परिजनों से यू पी के बिजनौर में सम्पर्क किया गया।
उन्होंने बताया कि 14अप्रैल को शव का निरीक्षण करने के पश्चात उसकी हत्या की आशँका पर थाना सदर सोलन में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। जांच पड़ताल में पता चला कि मृतका रशमी व उसके पति अशवनी कुमार में आए दिन झगड़ा होता रहता था तथा 13 अप्रैल को जब घर के सभी सदस्य सुबह 6 बजे अपने –अपने काम पर चले गए थे तो अशवनी ने अपनी पत्नी को गला दबाकर मार डाला। पुलिस ने 14अप्रैल को ही पति अशवनी कुमार को गिरफ्तार करके 5 दिन पुलिस हिरासत रिमाण्ड पर लिया था।
जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी का पिता 48 वर्षीय राकेश कुमार व माता नगर निगम में कूड़ा उठाने के काम करते हैं । दोनों ने सुबह नगर निगम कार्यालय में हाजरी लगाई थी तथा अपने अपने काम पर डोर टू डोर कूड़ा उठाने चले गए। तफ्तीश के दौरान मृतका के दोनों बच्चों से भी नियमानुसार पूछताछ की गई।
उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि मृतका की मृत्यु हाथ से गला दबाने से हुई है तथा उसके होंठ अथवा नाक के पास खून भी पाया गया। तफ्तीश के दौरान परिवार के सभी लोगों के काल डिटेल, लोकेशन डाटा व कलीन के आसपास इलाके मे लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जांची गई। तब पता चला कि मृतका के ससुर राकेश नगर निगम कार्यालय में हाजरी लगाने के पश्चात जैसे ही वार्ड नम्बर 12 में कूड़ा उठाने के लिए गया तो वहां से अचानक अपने घर स्थित वार्ड न0 13 में आ गया।
जिसपर सन्देह होने पर उससे पुलिस हिरासत में गहनता से पूछताछ की गई जो सभी साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा में पहले से गिरफ्तार अशवनी कुमार के पिता राकेश कुमार की भी इस हत्या में संलिप्ता पाए जाने पर उसे भी गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश करके 3 दिन पुलिस हिरासत रिमाण्ड पर लिया गया।
उन्होंने बताया कि आरोपियों से पुलिस हिरासत में लगातार पूछताछ की जा रही है और मुक़दमें में सभी साक्ष्यों का तकनीकी विश्लेषण किया जा रहा है।