अल्मोड़ा— गुरिल्लों की जनजागरण रथयात्रा पहुंची लोहाघाट, बाजार में घूमा रथ
लोहाघाट – गुरिल्लों के धरने को जिला मुख्यालय में 5000दिन पूरे होने पर गुरिल्ला जनजागरण रथयात्रा की आज लोहाघाट में रिखेश्वर शिव मंदिर में पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई देशभक्ति और गुरिल्ला जनजागरण के गीतों के साथ रथ लोहाघाट बाजार में घूमा।
इस अवसर पर हुई सभा को संबोधित करते हुए संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रह्मा नंद डालाकोटी ने कहा कि गुरिल्लों की मांगों पर 17साल लंबे आंदोलन,5000दिन तक लगातार धरने के बाद भी जब सरकार ने गुरिल्लों की मांगों पर ठोस कार्यवाही नहीं की तथा दिल्ली और देहरादून में आंदोलन की जटिल होती जा रही स्थितियों के चलते गुरिल्ला जनजागरण यात्रा निकाली गयी है,बिगत 17वर्षो के आंदोलन के दौरान केन्द्र सरकार ने गुरिल्लों के समायोजन हेतु जहां एस एस बी विभाग से समायोजन प्रस्ताव तैयार करवाया, गुरिल्लों का करोड़ों रूपये खर्च कर सत्यापन करवाया किंतु किया कुछ नहीं , राज्य सरकार ने गुरिल्लों के लिए स्वैच्छिक आपदा प्रबंधन बल गठन, लोकनिर्माण विभाग में नियुक्ति,कृषि सहायक पदों में नियुक्ति के शासनादेश जारी किए,वही होमगार्ड,पी आर डी के माध्यम से नियुक्ति स्टेट इको टास्क फोर्स बनाने जैसे निर्णय लिए किंतु उनका अनुपालन अपनी ही प्रशासनिक मशीनरी से नहीं करा पाई , उन्होंने कहा कि सीमाओं से बाहरी लोगों की घुसपैठ, आतंकवाद, अलगाववाद को रोकने में गुरिल्लायुक खुफिया सुरक्षा प्रणाली आज भी सफल सिद्ध होगी।पूर्व में पूर्वोत्तर में अलगाववादी, उग्रवादी ताकतों के खात्मे में गुरिल्लों ने अहम् योगदान दिया है ।
चंपावत के जिलाध्यक्ष ललित बगौली ने कहा कि 1963में एस एस बी के गठन के बाद सरकार प्रतिवर्ष गुरिल्लों को प्रशिक्षण देती रही उन्हें हमेशा चीन के बिरूद्ध युद्ध के लिए तैयार रखा लेकिन दिया कुछ नहीं।अपनी पूरी जवानी देश सेवा को समर्पित करने वाले गुरिल्लों की मांग पर सरकार को शीघ्र विचार करना चाहिए। अन्य वक्ताओं ने कहा दिल्ली और देहरादून में आंदोलन के दौरान विपक्ष में रहते जो सांसद, विधायक हमारी मांगों का समर्थन करने आते रहे वे सत्ता में जाते ही हमें भूल गये हैंऔर सरकार में पहल नहीं कर रहे इसलिए ऐसे प्रतिनिधियों का बिरोध तथा चुनाव में ऐसे दलों को सबक सिखाने जैसे निर्णय लेने जरूरी हो गये हैं।
आज तहसील परिसर में हुई सभा में सुरेश गहतोड़ी, गोपाल राणा गोपाल सिंह मनराल,मोहन खर्कवाल,जीवन चन्द्र जोशी, रूद्र सिंह भंडारी,के डी सुतेड़ी , ललित मोहन गहतोड़ी,खिलानंद पंत,किशोर चंद्र,लक्ष्मी,माया देवी हीरा देवी सहित भारी संख्या में गुरिल्ले उपस्थित थे।