अनुयायियों के साथ इस आलीशान आश्रम में मौजूद साकार हरि, पुलिस ने बनाया घेरा; दमकल गाड़ियां भी पहुंचीं
मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में सत्संग में भगदड़ मच गई। इसमें पैरों से कुचलकर बच्चे, महिलाओं सहित 124 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद सत्संग करने पहुंचे भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि मौके से निकल गए। इसके बाद वह मंगलवार की शाम को ही मैनपुरी आश्रम पहुंच गए। यहां पर अनुयायियों के साथ मौजूद हैं।
जानकारी मिलने के बाद रात से ही पुलिस भोले बाबा से संपर्क करने की कोशिश कर रही है। लेकिन, बाबा किसी से मिल नहीं रहे हैं। वह आश्रम के अंदर मौजूद हैं। आश्रम में बड़ी संख्या में अनुयायियों के होने की भी पुलिस को आशंका है। पुलिस ने आश्रम के पास घेरा बना लिया है। दमकल की गाड़ी भी खड़ी की गई है। पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
एक नजर में जानते हैं बाबा की कहानी
सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि मूल रूप से कासगंज जिले के पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। यह यूपी पुलिस में अभिसूचना विभाग में सिपाही के रूप में तैनात थे। हुई। इसके बाद वह हेड कांस्टेबल के पद पर प्रोन्नत हुए। उन्होंने हेड कांस्टेबल पद पर रहते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।
इसके बाद सत्संग और प्रवचन करना शुरू कर दिया। सत्संग शुरू करने के बाद सूरजपाल को भोले बाबा के रूप में पहचान मिली। इनकी पत्नी को माताश्री के रूप में लोग जानने लगे। इनको कोई संतान नहीं है। 1997 के बाद भोले बाबा की आध्यात्मिक यात्रा का प्रचार प्रसार तेजी से शुरू हुआ। भोले बाबा के सत्संग में लोग अपनी परेशानियां लेकर आने लगे। भोले बाबा अपने हाथों से स्पर्श करके बीमारियां दूर करने का दावा करने लगे। सत्संग और चमत्कार के मोह में उनके अनुयायियों का कारवां लगातार बढ़ता गया। इन्होंने बहादुर नगर गांव में ही अपना आश्रम बनवा लिया। यह उनका पैतृक गांव भी है।
इसके बाद इनके आश्रमों की संख्या बढ़ती गई। बताया जाता है कि बहादुर नगर के अलावा आसपास के कई जिलों में भोले बाबा के आश्रम हैं। इसी तरह का एक आश्रम मैनपुरी जिले के विछवां थाना क्षेत्र में बना है। हाथरस घटना के बाद बाबा यहीं पहुंचे। यहीं रुके हुए हैं।
बताया जाता है कि बाबा बाबा आश्रम में रहें या न रहें। लेकिन, उनके भक्तों के आने का सिलसिला अनवरत जारी रहता है। भोले बाबा की मान्यता काफी समय से है। दूर दूर से भक्त आश्रमों में नियमित रूप से पहुंचते हैं। भक्तों की मौजूदगी आश्रम में रहने के कारण आश्रम भी गुलजार रहता है। बिछवां आश्रम के आसपास के इलाके को पुलिस घेर रखा है। चहुंओर पुलिस का पहरा है। मुख्य मार्ग, आश्रम के बाहर मैदान से लेकर बस्ती तक पुलिस तैनात है।