हल्द्वानी…ब्रेकिंग: पति व देवरानी को देखा आपत्तिजनक स्थिति में, ससुरालियों ने पेट्रोल छिड़क कर की मारने की कोशिश, पांच के खिलाफ केस

हल्द्वानी। गौजाजाली में रहने वाली एक महिला ने अपने पति व देवरानी को आपत्तिजनक परिस्थितियों में क्या देखा ससुराली उसकी जान के दुश्मन बन गए। उन्होंने उसकी पिटाई तो की ही उस पर पेट्रोल छिड़क कर जान से मारने की कोशिश भी की। पीड़िता ने आज बनभूलपुरा पुलिस थाने पहुंचकर मामलेमें तहरीर पुलिस को सौंपी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 307, 498 ए, और 504 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।


मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता ने आज बनभूलपुरा थाने में पहुंच कर तहरीर सौंपी। महिला का कहना है कि पति एक शराबी व जुआरी व्यक्ति है। पीड़िता का आरोप है कि उसका पति, सास, ससुर, ससुर, देवर व देवरानी विवाह के बाद से ही उसके साथ गाली गलौच व मारपीट करते आ रहे हैं। 27 जुलाई की रात्रि उसने अपने पति को अपनी देवरानी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा था।

जब उसे ससुरालियों को यह बात बताई तो उन्होंने उसके साथ न सिर्फ मारपीट की बल्कि उस पर पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जलाने की कोशिश की। उसने जैसे तैसे अपनी जान बचाई और आज वनभूलपुरा पुलिस थाने में आकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आईपीसी की धारा 307, 498 ए व 504 के तहत पीडिता के पति, सास, ससुर, देवर व देवरानी के खिलाफ केस दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

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क्या हैं आईपीसी की धारा 307
भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के अनुसारए जो भी कोई ऐसे किसी इरादे या बोध के साथ विभिन्न परिस्थितियों में कोई कार्य करता हैए जो किसी की मृत्यु का कारण बन जाएए तो वह हत्या का दोषी होगाए और उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता हैए और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
क्या हैं आईपीसी की धारा 498 ए
धारा 498 ए के तहत एक अपराध एक गंभीर है और कारावास और जुर्माना की गंभीर सजा दे सकता है। धारा 498 ए के अनुसार, यदि विवाहित महिला या पति के किसी रिश्तेदार पर उस महिला को क्रूरता या किसी मानसिक या मनोवैज्ञानिक कार्य के अधीन करने का आरोप लगाया जाता है, जो उत्पीड़न की राशि देता है, तो उसे कारावास या जेल का समय बढ़ सकता है। तीन साल तक और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी।
क्या हैं आईपीसी की धारा 504
भारतीय दंड संहिता की धारा 504 के अनुसार, जो कोई भी किसी व्यक्ति को उकसाने के इरादे से जानबूझकर उसका अपमान करे, इरादतन या यह जानते हुए कि इस प्रकार की उकसाहट उस व्यक्ति को लोकशांति भंग करने, या अन्य अपराध का कारण हो सकती है को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा।
यह एक जमानती, गैर संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है। यह अपराध पीड़ित, अपमानित व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य है।

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