बिलासपुर न्यूज : कल्याण कला मंच की संगोष्ठी संपन्न, कवियों की कविताओं ने लूटी महफिल

सुमन डोगरा,बिलासपुर। बिलासपुर से लगती बामटा पंचायत के साकेत सभागार में कल्याण कला मंच की कला कलम सन्गोष्ठी संपन्न हुई। संगोष्ठी की अध्यक्षता चंद्रशेखर पन्त ने की जबकि सह अध्यक्षता जीत राम सुमन और चिन्ता देवी भारद्वाज ने की ।

मंच संचालन करते हुए महासचिव तृप्ता कौर मुसाफिर ने समां बांध दिया । अध्यक्ष सुरेन्द्र मिन्हास और वरिष्ठ जनों ने दीप प्रज्ज्वलन के बाद आचार्य जगदीश सहोता ने मंगल ध्वनि तथा जीत राम सुमन ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की । जगदीश सहोता नें हम स्वागत करते हैं अभिनंदन है नई कार्यकारिणी का स्वागत गीत प्रस्तुत किया ।

सीता देवी जसवाल ने ‘झड़ गई थी पेड़ों से पत्तियां चारों ओर था सूखा छाया’, झन्डूत्ता की रेखा चंदेल ने ‘लगन ऐसी लगी मुझे मैं आगे बढती जाऊं मैं’ देओली की 85 वर्षीय चिन्ता देवी भारद्वाज नें ‘तुह्ते भगती नी होणी ओ छोटे बालका जंगलां च शेर बोलदे’ , संयुक्त निदेशक शिक्षा सेवनिवृत्त सुशील पुंडीर परिंदा ने ‘इक्की दुज्जे जो ढ़ाक लाणे री रित आई गई लोको क्या जमाना आई गया’, घुमारवीं की हास्य कवियत्रि बीना वर्धन ने ‘बड़ियां रौणकां लगदीयां सनिचरा त्वारा जो’, डा. जय महलवाल ने ‘आओ करें मिलकर ये प्रयास क्लोज हो कर बैठो मेरे पास’ तथा जिला के विख्यात कलाकर रविंद्र चंदेल कमल ने ‘नागिन सी बलखाती’ कविता सुना कर वाह वाही लूटी ।

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आचार्य जगदीश ने भजन ‘नाम जप ले बन्दे गुरां दा’, पहाड़ी के सशक्त हस्ताक्षर जीतराम सुमन ने ‘नंगी धरती अंजु सट्टे राडी मारे रोई रोई करे पुकार’, कल्लर की तृप्ता कौर मुसाफिर ने ‘आद्गुरुए नमाह जुगाद गुरुए नमाह सद गुरुए नमाह श्री गुरुए नमाह’, बामटा के सुरेन्द्र मिन्हास ने ‘मास्टरा री प्लाखा में साबाशी मिली जाओ थोडी जी पलाक्खा हुँदी ए इक्की मास्टरा री’, अजय सौरव ने ‘आओ मिलजुल कर आगे बढें’, गायत्री बंसल ने भजन ‘ओ कृसना गाईयां रोन्दी बच्छू रोन्दे गोकल रोवे सारा’ सुना कर भावुक कर दिया ।

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अन्त में गोष्ठी के अध्यक्ष चंद्रशेखर पंत ने सभी रचनाकारों की रचनाओं की समीक्षा की और अपनी प्रस्तुति यूं दी-‘मैं हूं तुम हो सबके हम सब सौ करोड़ से ज्यादा हैं हम-पर हिंसाएं लोक तन्त्र की जड़ें खोद रही हैं ।
अन्त में रविंद्र चंदेल ने सभी उपस्थित कला कलमकारों का धन्यवाद किया ।

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