सक्सेस @ सितारगंज : 13 साल से फरार 10 हजार का इनामी हत्यारोपी गिरफ्तार, कई राज्यों में पहचान छिपाकर रहता रहा
नारायण सिंह रावत
सितारगंज। 13 वर्षों से फरार 10 हजार के इनामी हत्यारोपी को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। वह कई जगह अपनी पहचान छिपाकर रह रह रहा था। एसएसपी एसटीएफ उत्तराखण्ड ने 10,000 रुपये के ईनामी अपराधी महेन्द्र सिंह की गिरफ्तारी हेतु निरीक्षक अबुल कलाम गढ़वाल परिक्षेत्र तथा निरीक्षक एमपी सिंह कुमाऊँ परिक्षेत्र के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा करीब एक सप्ताह तक रामनगर, केलाखेड़ा, नानकमत्ता, भरतपुर राजस्थान तथा पानीपत हरियाणा में जाकर कार्य किया गया तथा एक सप्ताह की मेहनत के बाद रक्सेड़ा, थाना समालखा, जनपद पानीपत, हरियाणा से ईनामी अपराधी महेन्द्र सिंह उर्फ राजू पुत्र दलीप सिंह, निवासी ग्राम गेबुआ बरायल, थाना रामनगर, जिला नैनीताल को गिरफ्तार किया गया।
बतादें कि वर्ष 2008 में उक्त ईनामी महेन्द्र सिंह द्वारा अपने पिता दलीप सिंह के साथ मिलकर थाना रामनगर क्षेत्र में कालू पुत्र भीम बहादुर की तमंचे से गोली मारकर हत्या कर दी थी और घटना के तुरन्त बाद दोनों हत्यारोपी पिता-पुत्र मौके से फरार हो गये थे। फरारी के दौरान हत्यारोपी दलीप सिंह की मृत्यु हो चुकी है । घटना की रिपोर्ट वादी ओंकार सिंह पुत्र छिन्दर सिंह निवासी गेबुआ बरायल द्वारा थाना रामनगर में पंजीकृत करायी गई थी।
तब से आज तक हत्या आरोपी महेन्द्र सिंह दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों में छिपकर रह रहा था। एसटीएफ द्वारा बताया गया कि बताया गया कि 13 वर्षों से फरार हत्या के आरोपी महेन्द्र सिंह की फोटो व अन्य कोई पहचान पुलिस के पास नहीं थी। जिसकी गिरफ्तारी करना एसटीएफ के लिए एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि इसके पिता दलीप सिंह की मृत्यु भी बिना गिरफ्तारी हुये फरारी के दौरान हो चुकी थी। अभी तक पुलिस इस हत्याकांड के किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पायी थी ।
गिरफ्तारी करने वाली टीम
उप निरीक्षक यादविन्दर सिंह बाजवा, उप निरीक्षक बृजभूषण गुरुरानी, हेकाa- प्रकाश चन्द्र भगत , वेद प्रकाश भट्ट, महेन्द्र गिरी, लोकेन्द्र सिंह, गुरवन्त सिंह, महेन्द्र सिंह, आरक्षी मनमोहन सिंह (कुमाऊं यूनिट) , आरक्षी मोहन असवाल, आरक्षी किशोर कुमार (कुमाऊं यूनिट)