देहरादून : एसजेवीएन ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस, फोटोग्राफी और स्लोगन-लेखन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन

देहरादून। एसजेवीएन एक शेड्यूल’ए’ और ‘मिनी रत्न’, विद्युत पीएसयू ने शिमला में अपने कारपोरेट मुख्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने गीता कपूर निदेशक (कार्मिक) तथा सुशील कुमार शर्मा, निदेशक (विद्युत) की गरिमामयी उपस्थिति में डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सभी कर्मचारियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई।

कर्मचारियों को वर्चुअली संबोधित करते हुए नन्द लाल शर्मा ने कहा कि “एसजेवीएन राष्ट्र के सतत विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। हम सतत विकास के सभी तीन स्तंभों – आर्थिक-विकास, सामाजिक-विकास एवं पर्यावरण विकास को समान महत्व देने में विश्वास करते हैं। एसजेवीएन की विभिन्न पहले, यथा सतलुज आराधना का आयोजन, विभिन्न परियोजनाओं में वृक्षारोपण अभियान, कारपोरेट मुख्यामलय तथा परियोजनाओं में ऊर्जा-संरक्षण के उपाय, जनता के मध्य जागरूकता उत्पकन्न् करने तथा पर्यावरण संवेदनशीलता उत्पवन्न) करने में सहयोग करते हैं। उन्होंने कहाकि यह हम में से प्रत्येक का विशेषाधिकार है कि हम पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्कल्पना, पुनर्निर्माण तथा पुनर्स्थापन की दिशा में सजग रूप से योगदान दें, ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को जीने के लिए एक बेहतर विश्व प्रदान कर सकें।

पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में, एसजेवीएन ने कारपोरेट मुख्या लय, शिमला में कार्यरत अपने कर्मचारियों के लिए आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र तथा जैव विविधता पर एक फोटोग्राफी प्रतियोगिता एवं पारिस्थितिकी तंत्र के पुनरुद्धार पर स्लोगन-लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिताओं के लिए सभी प्रविष्टियों को डिजिटल रूप से आमंत्रित किया गया था। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक तथा सभी निदेशकों ने प्रविष्टियों की प्रदर्शनी दीर्घा का दौरा किया। पुरस्कार विजेताओं को अध्यगक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नन्द लाल शर्मा ने पुरस्कार प्रदान किए। यह वर्ष “पारिस्थितिकी तंत्र के पुनरुद्धार पर संयुक्त राष्ट्र दशक 2021 – 2030” का औपचारिक शुभारंभ है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र के पुनरुद्धार पर फिल्म को भी कार्यालय परिसर में स्थाेपित विभिन्न स्क्रीनों पर प्रदर्शित किया गया। विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन के दौरान सामाजिक दूरी के एमएचए दिशानिर्देशों का पालन किया गया।

एसजेवीएन एक परिचय

भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन भारत सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार के एक संयुक्तक उपक्रम के रूप में एक मिनी रत्नः श्रेणी एवं शेड्यूल-‘ए’ सीपीएसई के तौर पर एसजेवीएन लिमिटेड की स्थापना 24 मई,1988 को हुई थी। एसजेवीएन अब एक सूचीबद्ध कंपनी है जिसमें भारत सरकार के पास 59.92 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश सरकार के पास 26.85 प्रतिशत तथा शेष 13.23 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग जनता के पास है। एकल परियोजना तथा एकल राज्य प्रचालन (यथा हिमाचल प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जल विद्युत स्टेयशन (एनजेएचपीएस)) से शुरू करके कंपनी के पास वर्तमान में कुल 2016.5 मेगावाट की स्थासपित क्षमता की 7 परियोजना परियोजनाएं तथा 86 कि.मी. 400 केवी की ट्रांसमिशन लाईन कमीशन की हैं। कंपनी का वर्तमान पोर्टफोलियो 9219 मेगावाट हैं तथा सन 2023 तक 5000 मेगावाट, सन 2030 तक 12000 मेगावाट और सन 2040 तक 25000 मेगावाट की क्षमता से युक्त कंपनी बनने कासांझा विज़न है। एसजेवीएन वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, महाराष्ट्र और गुजरात के अलावा पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में विद्युत परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है।

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