उत्तराखंड … #राजनीति: तो क्या भाजपा के यह नेता जी इस चुनाव में करेंगे हाथी की सवारी
देहरादून। उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कुछ नेताओं के भाजपा में शामिल होने और कुछ के कांग्रेस में लौटने की खबरें तो आई ही, ये भी चर्चा लगातार रही कि बीजेपी के कौन से नेता कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
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अब दलबदल की इस सियासत में बहुजन समाज पार्टी का नाम भी सुर्खियों में आ रहा है। हरिद्वार ज़िले की भगवानपुर विधानसभा में एक बार फिर बड़े नेताओं के नाम के साथ दलबदल की राजनीति की चर्चाएं जुड़ रही हैं। चुनाव से ऐन पहले एक बार फिर हो रही इस उथलपुथल में अगर इन चर्चाओं में ज़रा भी सच होता है, तो यहां भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है।
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भगवानपुर विधानसभा की बात करें तो बीजेपी नेता सुबोध राकेश को लेकर सियासी हलकों में खबरें चल रही हैं कि वह हाथी पर सवार हो सकते हैं। अगर ये चर्चाएं सच हुईं तो बीजेपी को भगवानपुर में एक बड़ा झटका लगना तय है। बताया जा रहा है कि सुबोध भाजपा से नाराज़ चल रहे हैं इसलिए इन चर्चाओं को बल मिला है।
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खुद सुबोध राकेश कटाक्ष के अंदाज़ में कहते हैं कि बीजेपी के पास भगवानपुर में बहुत बड़े बड़े नेता हैं, जो बीजेपी को चुनाव जिता सकते हैं। वास्तव में यह राकेश परिवार की विरासत को लेकर चल रही राजनीतिक लड़ाई को लेकर भी अहम खबर है। साल 2015 में भगवानपुर विधानसभा के उपचुनाव के समय सुबोध राकेश कांग्रेस पार्टी में थे। लेकिन, कांग्रेस से टिकट न मिलने पर 2017 विधानसभा चुनाव से कुछ ही पहले सुबोध ने बीजेपी का दामन थामा था और चुनाव लड़े थे।
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हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी और सुबोध की भाभी ममता राकेश ने यह चुनाव जीत लिया। वास्तव में, सुरेंद्र राकेश भगवानपुर के कद्दावर नेता रहे और 2015 में उनके निधन के बाद परिवार के भीतर उनकी विरासत को लेकर एक संघर्ष की स्थिति दिखी। एक तरफ उनकी पत्नी सियासत के मैदान में आईं तो दूसरी तरफ उनके भाई सुबोध भी।
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पिछला चुनाव हार जाने के बाद से ही भाजपा में सुबोध को अपनी स्थिति और भविष्य को लेकर चिंता सता रही है। इस बार भी विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर एक अनिश्चय बना हुआ है, इसीलिए सुबोध के पार्टी बदलने की चर्चाएं चल रही हैं। विधायक ममता राकेश का कहना है कि भगवानपुर की जनता सब समझती है इसलिए अपने स्वार्थ के लिए पार्टियां बदलने वालों को वोट से उत्तर देगी।
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