चंपावत…दुर्भाग्यजनक: बोर्ड परीक्षा देकर घर मोबाइल की रोशनी के सहारे घर का रास्ता नापने को विवश छात्र
चम्पावत। पाटी ब्लॉक के एक अतिदुर्गम क्षेत्र में बोर्ड परीक्षा देने के बाद रात के समय घर लौट रहे छात्र-छात्राओं की तस्वीरें सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही हैं। लोगों का कहना है कि शिक्षा विभाग की ओर से शाम की पाली में देरी से परीक्षा का समय रखा गया है। जिस कारण दूरस्थ इलाकों के विद्यार्थी पेपर समाप्त होने के बाद मीलों दूर चलकर जगलों से होते हुए मोबाइल का टॉर्च जलाकर घर पहुंच रहे हैं।
पाटी के राइका रमक के छात्र-छात्राओं का रात के समय गरसाड़ी इंटर कॉलेज से पेपर देकर घर लौटने की तस्वीरें तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहीं हैं। फेसबुक में विद्यार्थियों की मार्मिक तस्वीरें पोस्ट करते हुए रोहित कुमार और नवेंदु मठपाल ने लिखा कि बोर्ड परीक्षा के नाम पर दुर्गम इलाकों के बच्चों के भविष्य संग खेला जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने शाम की पाली में दो बजे से पांच परीक्षाओं का समय रखा है। जिस कारण रमक के तोक सल्यानी, मंगललेख, वारसी, लधियाघाटी, सेला समेत तमाम गांवों के छात्र परीक्षाओं के लिए सात से आठ किमी पैदल चलकर परीक्षा केंद्र पहुंच रहे हैं।
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स्कूल में तैनात प्रवक्ता शमशाद अली ने बताया कि पेपर देरी से छूटने के कारण विद्यार्थियों को घर पहुचंने में करीब आठ बज रहे हैं। बताया जा रहा है कि परीक्षा केंद्र से छूटने के बाद छात्र-छात्राओं को अंधेरे में करीब तीन किमी जंगल का सफर तय करना पड़ता है।
जहां वन्य जीवों के हमले की संभावना भी बनी रहती है। सोशल मीडिया में साझा तस्वीरों के मुताबिक विद्यार्थी मोबाइल के टॉर्च के सहारे घर पहुंच रहे हैं। इधर, ग्राम प्रधान मंगल जोशी ने बताया कि सोशल मीडिया में गलत तरीके से तस्वीरें वायरल की गई हैं।