उत्तराखंड… #कूटनीति : …इसीलिए अमित शाह को कहा जाता है भाजपा का ‘मोटा भाई’, दिन दोपहर हरक के साथ लंच टेबल शेयर करके नाराजगी की आग में डाल गए पानी
देहरादून। प्रदेश में पिछले कई दिनों से हॉट सब्जेक्ट बने हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ का मामला अब शायद शांत हो जाए। देहरादून यात्रा पर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हरक सिंह रावत के साथ एक ही टेबल पर खाना खाया। इस दौरान उनके साथ पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भी रहे। माना जा रहा है कि हरक ने अपनी सभी शिकायतें सीधे अमित शाह के सामने रखीं और शाह ने इस सभी मामलों को अपने स्तर से देखने का आश्वासन भी दिया। इस लंच डिप्लोमेसी से भाजपा से सरेआम यह संदेश देने का प्रयास किया है कि पार्टी के अंदर फूट जैसी कोई बात नहीं है।
हम आपको बता दें कि हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ के पार्टी से नाराज होने की चर्चाएं पिछले एक अरसे से प्रदेश के राजनैतिक गलियारों में तैर रही थीं। कभी कांग्रेस के विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह से मुलाकात तो कभी हरीश रावत की हर गाली को आशीर्वाद बताने जैसे बयान देकर हरक सिंह रावत बार बार इस अंदेशे को खुद ही हवा देने में लगे थे कि वे कांग्रेस में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
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इस बीच अमित शाह और काउ का भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मिलने के बाद ऐसी चर्चाएं सुनने को मिलीं की अब दोनों नेताओं की नाराजगी दूर हो गई है। लेकिन कुछ ही दिनों के भीतर हरक सिंह के बयानों ने माहौल फिर से गर्म कर दिया। इसके बाद हरक सिंह को मनाने का टास्क मिला पूर्व सीएम विजय बहुगुणा को।
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उत्तराखंड की राजनीति में नैपथ्य में जा बैठे बहुगुणा अचानक फ्रंट फुट पर खेलते नजर आए। लेकिन हरक सिंह ने दो दिन पहले यह कहते हुए बहुगुणा के साथ हुई दो मुलाकातों की मेहनत पर भी पानी सा फेर दिया कि ‘हमने उनसे कहा है कि पिछले साढत्रे चार साल में तो वे उनके यहां कभी चाय पीने भी नहीं आए।’ इस बयान के बाद एक बार फिर नए कयासों के दौर शुरू हो गए। कांग्रेस के हरीश रावत और हरक सिंह के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी चूहा—बिल्ली का खेल जारी रहा।
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आज जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देहरादून पहुंचे तो हर निगाह हरक सिंह रावत की हर गतिविधि पर टिकी थी। दोपहर बाद अमित शाह सार्वजनिक रूप से खाने की एक टेबल पर हरक और विजय बहुगुणा के साथ दिखाई पड़े। अमित शाह जैसे कूटनीतिज्ञ का अचानक हरक सिंह के साथ टेबल शेयर करना यूं ही नहीं हो सकता। दरअसल वे पार्टी और पूरे प्रदेश की जनता के बीच छाए इस असमंजस को समाप्त करना चाहते थे कि हरक सिंह पार्टी से नाराज हैं।
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वही हुआ सोशल मीडिया पर तीनों नेताओं की यह फोटो ट्रेंड करने लगी हैं। अमित शाह की लंच डिप्लोमेसी अपना काम कर चुकी है। और शायद इसीलिए अमित शाह को भाजपा को ‘मोटा भाई’ यानी बड़ा भाई कहा जाता है। देखें आज के ताजा घटनाक्रम के बाद कांग्रेस खेमे की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है।