प्रशासन और प्रदेश सरकार आपदा के प्रति नही है सजग -ललित फर्शवाण

बागेश्वर- कपकोट क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे से लौटे पूर्व विधायक कपकोट ललित फरस्वाण ने बागेश्वर मुख्यालय आकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगत डसीला के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता की। कपकोट के पूर्व विधायक का कहना है कि प्रदेश सरकार आपदा के प्रति सजग नही है। आपदा पीड़ितों को बागेश्वर प्रशासन तत्काल साहयता नही पहुंचा पा रहा है।

कपकोट क्षेत्र कि पिंडर घाटी, सरयू घाटी, पुंगर घाटी, रामगंगा घाटी, सहित काण्डा कमस्यार कि सड़कें खराब है।ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर यात्रा कर रहे है। खराब हुई सड़कों में हरसिला से जगथाना, कन्यालीकोट को जोड़ने वाली सड़के अधिक खराब है।खारबगड़ के पास पूरा का पूरा 50 से 60 मीटर तक नीचे नदी से पूरा सड़क चली गयी है।मात्र सिंगल दीवारों में सड़कें टिकी हुई है।प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा बागेश्वर आकर केवल भाजपा कि बूथ कमेटियों का सत्यापन करते है और चले जाते है।सांसद अजय टम्टा द्वारा गोद लिये गांव सूपी के हाल ठीक नही है। कांग्रेस के नेताओं के साथ प्रशासन सौतेला व्यहार कर रहा है। कपकोट कि दुर्दशा को काग्रेस पार्टी सदन के माध्यम से उठायेगी।

पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण ने कहा कि कांग्रेस लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्रो का भ्रमण कर उनकी समस्याओं के समाधान करने की कोशिश कर रही है। लेकिन भाजपा नेता जिला मुख्यालय से आपदा के दौरान प्रभावितों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय गलत बयानबाजी कर सरकार व सरकार के मंत्रियो को गलत फीडबैक दे रहे है। जिससे आपदा पीड़ितो को राहत नहीं मिल पा हो रही है। फर्स्वाण ने कहा कि जनपद में जनहानि पशु हानि, पुलो, सड़को और मकानों को हुई क्षति को लेकर पीड़ित परिवारों को राहत नहीं मिल पा रही है।

प्रभारी मंत्री जिले में आकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण करने के बजाय जिला प्रशासन के साथ बैठक कर वापस चले जाते है। उन्होंने कहा कि कपकोट के दुरस्त क्षेत्रो में आपदा से ही रही समस्या को व नुकसान को जिला प्रशासन नुकसान मानने को तैयार नही है। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा की सकन्युडा में चंचल राम का मकान 9 जुलाई को गिर गया था लेकिन अभी तक किसी भी तरह की आपदा राहत राशि उन्हे नहीं दी गई है। सड़को का हाल बेहाल है सड़को के गड्ढों से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। हरसिंगिया बगड़ में सड़क के बड़े बड़े गड्ढों से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पिंडर घाटी हो या सरयू घाटी हो सब बुरे हाल में चल रहे है।

कांडा कामस्यार में मकान गिरने से मवेशियों को नुकसान हुआ लेकिन आपदा के मानकों में माना नही गया। बनलेख , कीडई और होराली में तीन पुल आज तक नही बन पाए है जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। उन पुलो ने प्लाई डालकर छोड़ दिया गया है जिससे लोग उन्ही प्लाइओ से आ जा रहे है जो किसी बड़े हादसे का सबब बन सकता है। उन्होने कहा की प्रभारी मंत्री और सांसद आपदा प्रभावित लोगो से मिलने तक नही गए। लेकिन बूथों की बैठक में जरूर जाते है। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगत डसीला, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष गोपा धपोला, ललित बिष्ट, सुनील भंडारी, ललित गोस्वामी, कुंदन गिरी, राजेन्द्र परिहार,आदि मौजूद थे।

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