सोलन ब्रेकिंग : गैर इरादातन हत्या के आरोपियों को अदालत ने सुनाई आठ साल के कठोर कारावास की सजा

सोलन। सोलन के एडिशनल डिस्ट्रिक्टिक जज व सत्र न्यायाधीश् प्रथम पंकज गुप्ता की अदालत ने गोरखपुर निवासी दो व्यक्तियों को गैर इरादातन हत्या के मामले में आठ साल के कठोर कारावास और दस —दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उन्हें तीन तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जानलेवा हमले के मामले में उन्होंने दोनों ही आरोपियों को एक—एक महीने के कारावास और पांच —पांच सौ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह जुर्माना अदा न करने की स्थिति में दोनों की सात— सात दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।


सरकारी अधिवक्ता चंद्रसागर नेगी के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार आठ जनवरी 2019 को गोरखपुर के चोरिया गांव निवासी रामपाल ऊर्फ रामफल तथा गोरखपुर के महुआडाबर गांव निवासी पवन कुमार ने परवाणू में आयशर फैक्ट्री के गेट पर सुधीर नामक व्यक्ति की डंडो से पिटाई कर दी थी। सुधीर के सिर पर इस हमले में गंभीर चोटें आईं और वह वहीं पर गिर गया।

इस बीच राहुल नामक व्यक्ति वहां आया और बीच बचाव का प्रयास करने लगा तो दोनों ने राहुल को धमकाया और वहां से चले जाने को कहा। इसके बाद रामपाल और पवन दोनों आयशर फैक्ट्री के पास अपने कमरे में चले गए। बाद में अपनी ड्यूटी से लौट रहे विकास, राजू, पंकज और मुकेश ने सुधीर को जख्मी हालत में ईएसआई हास्पिटल परवाणू पहुंचाया।

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इस बीच ही घायल सुधीर ने राहुल को बताया कि उसने रामपाल को उसकी बहन की शादी में 11 हजार रुपये की आर्थ्कि मदद की थी। अब जब उसने अपने रुपये मांगे तो रामपाल ने पवन के साथ मिलकर उसे बुरी तरह पीट दिया। ईएसआई चिकित्सालय में सुधीर का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे चंडीगढ़ के 32 सेक्टर स्थित चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया। जहां उपचार के दौरान सुधीर ने दम तोड़ दिया।

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परवाणू थाने के एसआई अशोक कुमार ने इस मामले की तहकीकात करके अपनी चार्जशीट अदालत में पेश की। तताम गवाहों व तथ्यों को सुनने के बाद अदालत ने दोनों को गैरइरादतन हत्या को दोषी पाते हुए आठ साल के कठोर कारावास और दस दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उन्हें तीन महीने का अतिरिक्त काराास भुगतना होगा।

अदालत ने दोनों को जानलेवा हमले का दोषी भी पाया । इस आरोप में उन्हें एक महीने के कारावास और पांच पांच सौ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें सात दिनों का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। मामले को पीड़ित पक्ष की ओर से सरकारी वकील चंद्र सागर नेगी ने अदालत के समक्ष रखा।

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