हल्द्वानी…मौसम की मार: वीडियो/ रानीबाग में तीन चिताओं पर मंडराया बहने का संकट

हल्द्वानी। रानीबाग स्थ्ति चित्रशिला घाट पर आज सुबह जल रही तीन चिताओं पर गौला नदी के बढ़ जल स्तर के कारण बह जाने का संकट पैदा हो गया। गनीमत रही कि अचानक बारिश थम गई और धीरे- धीरे गार्गी यानी गौला नदी का बढ़ा हुआ जल स्तर कम हो गया। इस बीच अंतिम संस्कार के लिए शवों के साथ गए घाट पर गए सैकड़ों लोग नदी से बचने के लिए सीढ़ी पर चढ़ गए। इस बीच यहां का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जिया रानी का घाघरा नामक शिला पूरी तरह नदी में समा चुकी है।


आज सुबह लगभग साढ़े दस बजे तक रानीबाग में पवित्र गार्गी यानी गौला नदी के तट स्थित चित्रशिला घाट पर तीन शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंच चुके थे। उनके साथ सैकड़ों लोग भी उनके अंतिम संस्कार के लिए घाट पर पहुंचे थे।


उस वक्त गौला का वेग तो बहुत ज्यादा था लेकिन नदी के किनारे पर जिया रानी के घाघरा नामक शिला तक पानी कुलांचे मार रहा था। पवित्र शिला पूरी तरह से पानी में समा चुकी थी। तीनों शवों के लिए लोगों ने चिताएं लगाई और उन्हें अग्नि के हवाले कर दिया। उधर कुछ अन्य परिवार भी धार्मिक अनुष्ठान के लिए घाट पर पहुंचे थे। ब्राहम्ण उनके लिए अनुष्ठान कर रहे थे।


इस बीच नदी का पानी धीरे-धीरे शमशान घाट की ओर बढ़ने लगा। पहले तो लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन जब पानी का वेब गढ़ गया और पानी तेजी से चिताओं की ओर बढ़ने लगा, तो लोग सतर्क हो गए।


कुछ लोगों ने पत्थर लगा कर पानी को रोकने का प्रयास किया लेकिन उनकी कोशिशें नाकाफी साबित होने लगीं। पानी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा था। अधिकांश लोग घाट को उतरने वाली सीढियों पर जा चढ़े। हर तरफ अफरा तफरी फैल गई।

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उधर, पूरे 12 घंटे हुई बारिश के कारण वन निगम के टाल में रखी लकड़ी गीली हो जाने के कारण चिताएं आग नहीं पकड़ पा रही थी और इधर गौला का पानी चिताओं के नीचे से गुजरने के कारण मामला और गंभीर हो गया।

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लेकिन ऐन वक्त पर इंद्र देव प्रसन्न हुअए और आसमाान पर छाए काले बादल हट गए। बारिश थमी तो लगभग पौने घंटे के भीतर गौला का जल स्तर पर कम होने लगा। लोगों ने चिताओं को जलाने के लिए पेट्रोल, डीजल व टायरों का सहारा लेना भी शुरू कर दिया। अंततः नदी का पानी कम हुआ और चिताएं बिना किसी परेशानी के पूरी तरह से जल सकीं। इस बीच लोगों में अफरातफरी मची रही।

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