हल्द्वानी…बेघर होने से डरे गफूर बस्ती -बनभूलपुरा के लोगों ने निकाला कैंडल मार्च
हल्द्वानी। रेलवे जमीन पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के विरोध में गुरुवार को बनभूलपुरा के लोगों ने कैंडिल मार्च निकाला। शांतिपूर्ण ढंग से निकाले गए कैंडिल मार्च में लोगों ने सरकार से उन्हें न्याय दिलाने की मांग की। साथ ही कहा कि अगर उन्हें हटाना ही है तो उनके पुनर्वास की व्यवस्था पहले की जाए।
बता दें कि बुधवार को रेलवे की जमीन पर कार्यवाही के पहले चरण में रेलवे और प्रशासन की टीम ने सीमांकन का काम किया। इसी को लेकर बुधवार को सुबह से लेकर शाम तक क्षेत्र की जनता सड़क पर बैठी रही। महिलाएं, स्कूली बच्चे सभी ध्रने में शामिल रहे और सरकार से उन्हें बेघर न करने की मांग करते रहे। इसी को लेकर गुरूवार की शाम को पांच बजे लाइन नंबर 17 चोरगलिया रोड स्थित मुजाहिद चौक पर बनभूलपुरा के लोग एकत्रित हुए और उन्होंने वहां से ताज चौराहे तक कैंडिल मार्च निकाला गया।
कैंडिल मार्च में क्षेत्र के बड़े बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल रहे। मुजाहिद चौक से शुरू हुआ कैंडिल मार्च लाइन नंबर 1 स्थित ताज चौराहे पर पहुंचा। कैंडिल मार्च को समर्थन देने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या, विधायक सुमित हृदयेश, खटीमा विधायक भुवन कापड़ी, जसपुर आदेश चौहान, जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल, सपा नेता अब्दुल मतीन सिद्दीकी युवा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष हेमन्त साहू समेत तमाम नेताओं ने अपना समर्थन दिया।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि वह बनभूलपुरा की जनता के साथ हैं। उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि क्षेत्रवासियों को किस भी सूरत में उजड़ने नहीं दिया जाएगा। सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है और कांग्रेस उनकी आजवा बनकर उभरेगी। विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि कांग्रेस उनके लिए न्याय की लड़ाई लड़ेगी।
उन्हें किसी भी सूरत में उजड़ने नहीं दिया जाएगा। यहां की जनता के साथ हो रहे अन्याय का बदला जरूर लिया जाएगा। भुवन कापड़ी और आदेश चौहान ने भी यहां की जनता को भरोसा दिलाया कि वह उन्हें किसी भी सूरत में उजड़ने नही देंगे।
वहीं अब्दुल मतीन सिद्दीकी और शुएब अहमद ने भी कहा कि जब उनके पुरखे यहीं पर रहते आए हैं तो यह जमीन रेलवे की कैसे हो गई। उन्होंने न्याय व्यवस्था पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है और आशा है कि फैसला उनके पक्ष में आए।