सोलन न्यूज: अभिनव प्रयोग…कोठी देवरा और देवठी स्कूल के सभी बच्चों के नाटी का साप्ताहिक प्रशिक्षण जारी, एक साथ नाटियों पर झूमता है पूरा स्कूल

सोलन। यहां के कोठी देवरा स्थित वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय व प्राथमिक विद्यालय के संयुक्त परिसर में इन दिनों एक सप्ताह का नाटी प्रशिक्षण चल रहा है। संभवत: हिमाचल के इतिहास में पहला अवसर होगा जब​ विद्यालय के समस्त बच्चे एक साथ नाटी जैसे विलुप्त हो रही नृत्यकला का एक साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं।

इसके लिए विद्यालयों के प्रबंधन ने 45 मिनट के प्रबंधन को बाकायदा शून्यकाल घोषित किया है। रोचक तथ्य यह है कि जब से दोनों स्कूलों में नाटी प्रशिक्षण शुरू हुआ है तब से स्कूल की उपस्थिति भी शत प्रतिशत हो गई है। बच्चे खुशी खुशी इस कार्यशाला में हिस्सा ले रहे हैं। नाटी की इस कार्यशाला को निशुल्क रूप से सोलन के सरगम कला मंच के कलाकार और वरिष्ठ लोक कलाकार जिया लाल ठाकुर संचालित कर रहे हैं।

कोठी देवरा सुबाथू रोड पर हैप्पी वैली क्षेत्र में स्थित एक गांव है। यहां वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय दोनों एक ही कैंपस में संचालित होते हैं। वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य शिव प्रभाकर बताते हैं कि जब लोक कलाकार जियालाल ठाकुर इस प्रस्ताव को लेकर उनके पास आए तो उन्होंने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया।

नाटी प्रशिक्षण के दौरान नाटी डालती स्कूल की छात्राएं

सरकारी विद्यालय होने के नाते कुछ औपचारिकताओं के बाद अधिकारियों ने एक पीरियड को जीरो पीरियड घोषित करने की इजाजत दे दी। इसके बाद प्राथमिक विद्यालय प्रबंधन ने भी इस अभिनव प्रयोग को अपने नन्हे नन्हे विद्यार्थियों से अवगत कराने का निर्णय ले लिया। अब दो बजे से लगभग तीन बजे तक प्राथमिक विद्यालय के सभी बच्चे नाटी की बारीकियां सीखते हैं और उसके बाद तीन से लगभग चार बजे तक सीनियर सैकेंडरी स्कूल के विद्यार्थी मिलकर नाटी विधा की बारीकियां सीखते हैं। कुल मिलाकर लगभग साढ़े तीन सौ बच्चे नाटी में पारंगत हो रहे हैं।

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सरगम कला मंच के कर्ताधर्ता जिया लाल ठाकुर अपन टीम के साथ बच्चों को एक सप्ताह का यह विशेष कोर्स करा रहे है। बच्चों को नाटी के नियम सिखाने के बाद स्कूल परिसर में उसका व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है। जब बच्चे स्कूल परिसर में एक साथ नाटी डालते हैं तो मैदान में महानाटी जैसा वातावरण पैदा होता है।

सरगम कलामंच के जिया लाल ठाकुर कहते हैं कि इस प्रशिक्षण को पूरी तरह से निशुल्क रखा गया है। हमारी विलुप्त हे रही सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखने के लिए कला मंच ने इस कार्यक्रम को तैयारी किया है। फिलहाल सुबह के सत्र में उनक टीम देवठी विद्यालय में भी इसी तरह का प्रशिक्षण दे रही है। वे बताते हैं कि बच्चे पूरी रुचि के साथ नाटी विधा को समझ कर मैदान में उतारते हैं।

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राजकीय प्राथमिक पाठशाला की मुख्य अध्यापिका रचना वर्मा बताती हैं कि इस प्रशिक्षण में हालत यह हो गई है कि अब बच्चों के साथ अध्यापक व अध्यापिकाएं भी नाटी का प्रशिक्षण लेने के लिए बच्चों के साथ मैदान में उतरने लगी हैं। उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में जब से इस प्रशिक्षण को शुरू किया गया है तब से बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ गई है। बच्चे खुशी खुशी प्रशिक्षण में हिस्सा लेने आते हैं और अपनी सांस्कृति विरासत को बचाने के यज्ञ में अपनी आहूति डालते हैं।

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वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य शिव प्रभाकर बताते हैं कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के बाद नाटी में पारंगत हुए बच्चों का सेलेक्शन किया जाएगा जिन्हें आगे नाटी प्रतियोगिताओं में भेजा जाएगा। नाटी के प्रशिक्षण का प्रयोग सफल होने से विभागीय अधिकारी भी खुश हैं।

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