अल्मोड़ा… दुर्भाग्य : गांव तक सड़क थी नहीं महिला ने रास्ते में ही दिया बच्चे को जन्म
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा जिले के भैसियाछाना विकास खंड से सरकार के तमाम दावों की पोल खोलने वाली एक खबर आ रही है। यहां की लिंगुड़ता ग्राम पंचायत के पतलचौरा गांव की एक गर्भवती महिला ने चिकित्सालय पहुंचने से पहले देर रात को आधे रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
मां और शिशु दोनों स्वस्थ हैं। इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है। जब आधे रास्ते में ही महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो साथ आ रही महिलाओं व अन्य ग्रामीणों ने छाते लगाकर महिला को ओट प्रदान की।
दरअसल पतलचौरा गांव से भैसियाछाना का सरकारी चिकित्सालय लगभग कई किमी दूर है। इसमें लगभग ढाई किमी का फासला चढ़ाई वाला है और शेष ढाई किमी का रास्ता ढाल वाला है। इसमार्ग को पैदल ही तय करके कनारीछीना तक पहुंचा जा सकता है। जहां से सड़क मार्ग से चिकित्सालय पहुंचा जा सकता है।
रुड़की…कार्रवाई: सैंपल फेल होने पर नौ के खिलाफ मुकदमा
कल शाम के समय गांव की गर्भवती महिला प्रियंका वाणी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो गांव में डोली का इंतजाम करने में काफी समय लग गया। इसके बाद उसकी सास हेमा वाणी, ताई सास लक्ष्मी वाणी व आशा कार्यकर्ता संजू देवी चिकित्सालय के लिए रवाना हुए। गांव के कुछ लोग डोली उठा रहे थे। अंधेरा और मौसम खराब होने के कारण चढ़ाई और ढाल वाले रास्ते में डोली ले जाना कठिन हो रहा था। इसी दौरान प्रियंका की तबीयत बिगड़ने लगी। आखिर में तय किया गया कि उसका प्रसव रास्ते में ही करवा दिया जाए।
रुड़की…कलयुग: पत्नी ने परिजनों के साथ मिलकर पति को पीटा
आखिर में लोगों ने छातों के सहारे महिला के लिए ओट की। साथ लाए गए कंबलों के माध्यम से महिला के लिए बिछावन का इंतजाम किया गया और आशा व अन्य महिलाओं की मदद से प्रियंका ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
रुड़की…मुकदमा: छह साल की बच्ची से दुष्कर्म किया
लेकिन यह घटना सरकार के उन तमाम दावों की पोल खोल गई जिसमें सरकार गर्भवती महिला के लिए अनेकानेक योजनाओं के साथ गांव गांव में स्वास्थ्य सेवाओं का जाल बिछाने के दावे की भी हवा निकालती है।