सोलन न्यूज : आखिल भारतीय नाट्य प्रतियोगिता में चौथे दिन तीन नाटकों का मंचन
सोलन। सोलन में फिलफाट फोरम की ओर से आयोजित की जा रही राष्ट्र स्तरीय नाटकों की प्रतियोगिता अभिनय-2024 के अन्तर्गत 6 जून को कोठों में भाषा विभाग के सभागार में कुल तीन नाटकों का मंचन किया गया ।
सीएफएस परफॉरमिंग एण्ड फाईन आर्ट्स अकादमी गुजरात की ओर से दिन का पहला नाटक नियति प्रस्तुत किया गया। कुमार अजय द्वारा लिखित और कुमार भौई व हेलन पिंटो द्वारा संयुक्त रूप से निर्देशित नाटक महाभारत के कर्ण व आज के कर्ण के संयुक्त संघर्ष पर अधारित रहा व संदेश दिया गया कि योद्धा वही है जो अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी समभाव रखकर जीये और जीते।
नाटक के प्रमुख पात्रों में ओम गोहिल ने कर्ण, जगदीश ने अधिरथ व दुर्योधन, रोहन ने भास्कर व निशा पटेल ने पृथा के रूप में अपने अभिनय के जौहर दिखलाए।
हिमाचल में तीन सीटों पर विस उपचुनाव : मरे हुए सांपों को तो गले में नहीं डाल लिया भाजपा ने
प्रतियोगिता में दूसरा नाटक डीएटीई जमशेदपुर की ओर से डा. शंकर शेष का लिखा नाटक ‘एक और द्रोणाचार्य’ प्रस्तुत किया गया। जिसमें बतलाया गया कि सत्य और न्याय की लड़ाई सदियों से चली आ रही है। जब मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए न्याय का पथ छोड़ता है तो नतीजा सर्वनाश ही होता है। वैसे ही जैसे महाभारत काल में आचार्य द्रोण ने प्रतिभावान एकलव्य का अंगूठा कटवा दिया था जाति और व्यवस्था के नाम पर, वही द्वन्द्व समाज में आज भी जारी है।
इस नाटक में अमित कुमार ने प्रो. अरविंद, पूजा सिंह ने लीला, प्रवीण कुमार ने यदु/अशवत्थामा, इशा सिंह ने कृपि, अक्षित पांडे ने युधिष्ठिर व अक्षित सिंह ने बाल आशव्तथामा की भूमिका अभीनत की।
फिल्मों में खूब काम करें लेकिन जड़ों को न भूलें : रवनीत घुम्मन
प्रतियोगिता के क्रम में अतिंम प्रस्तुति लोयालम आर्ट एंड कलचरल इन्सीटयूट इम्फाल के नाटक प्रतिज्ञा रही जिसका निर्देशन के.बी. शर्मा ने किया।
नाटक का सार था कि शोषण की संलिप्तता आत्मा के अस्तित्व को नष्ट कर देती है। जैसे महाभारत काल में दुर्योधन की भूमि के लिए की गई खूनी महत्वाकांक्षा की कीमत लाखों निर्दोष लोगों को अपनी जान दे कर चुकानी पड़ी।
नाटक में खूबसूरत वेषभूषा से सुसज्जित ऐतिहासिक पात्रों को बाई ज्ञान चन्द ने कृष्ण, स्वामी सिंह ने भीष्म, जंबोस सिंह ने अर्जुन, बबीता देवी ने कुन्ती व रूपा देवी ने अम्बा, कुंति, शिखंडी के रूप में अपने अभिनय से सजाया संवारा। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी संस्था की ओर से शूलनी माता मंदिर में पारम्परिक पूजा अर्चना के बाद सायं 4 बजे से एक भव्य नगर यात्रा का आयोजन किया गया ।
स्टोरी फिल्मी सी : 14 वर्षीय गुरनूर कौर के जीवन में आ गया बड़ा भाई
यात्रा में अपने अपने राज्यों की पारम्परिक वेशभूषा, वाद्ययंत्र, आभूषणों से सजे संवरे कलाकारों ने गीत संगीत व नृत्यों के माध्यम से सोलन की स्थानीय नागरिकों का मनोरंजन के साथ लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से अवगत करवाया।
शोभा यात्रा में फिलफाट् फोरम के सदस्यों के साथ साथ देश के विभिन्न राज्य पंजाब, उडिशा, गुजरात, यूपी, कोलकाता, झारखंड, आसाम, मणिपुर, छत्तीसगढ़ व हिमाचल के कलाकारों ने भाग लिया।
पाकिस्तान हिंदुस्तान से नहीं असल में पंजाब—हिमाचल—हरियाणा से अलग हुआ : विक्रम सिद्धू