अल्मोडा—– जिले में दो दिवसीय मिलेट (श्री अन्न) मेले  का हुआ शुभारंभ

अल्मोड़ा-  खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार एवं एसोचैम के सहयोग से जनपद में  दो दिवसीय मिलेट (श्री अन्न) मेला का शुभारंभ मुख्य अतिथि  सांसद अजय टम्टा ने फीताकाट कर किया।

इस अवसर पर सांसद ने  मिलेट्स पर आधारित विभिन्न विभागों स्टालों का निरीक्षण किया और विभागीय योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये अजय टम्टा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में श्री अन्न (मिलेट्स) को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाने के प्रयास हो रहे हैं और 2023 को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मना रही है। देश में वर्ष 2023 को ’’मिलेट्स ईयर’’ के रूप में मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व दूरदर्शिता के कारण ही आज समस्त विश्व हमारे देश की परम्परागत फसलों के महत्व को समझ रहा है। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से अपील की है कि लोक पर्वों एवं त्योहारों में श्री अन्न को अवश्य शामिल करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों को अपनी परंपरागत मोटे अनाज की खेती तरफ लौटना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने मक्का, बाजरा, मंडुआ, कौंणी, झुंगरू जैसे मोटे अनाजों की खेती का जो ज्ञान हम लोगों को दिया है वह बहुत महत्वपूर्ण है, हमें इनकी खेती को बढ़ाना चाहिये। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने उद्योग संगठन एसोचौम के सहयोग से मोटे अनाज के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि विवेकानन्दा कृषि अनुसांधन केन्द्र अल्मोड़ा द्वारा उन्नत बीजों की किस्मों को बढ़ाने का बेहतर कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर जिलाधिकारी वन्दना से सम्बोधित करते हुये कहा कि हमें मोटे अनाज को हमें अपने दैनिक जीवन लाना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे वहां आयोजित होने वाले विभिन्न प्रकार के आयोजनों के दौरान मोटे अनाज का उपयोग करना चाहिए ताकि आने वाली युवा पीढ़ी इन मोटे अनाजों को अपनी दैनिक जीवन में प्रयोग में ला सके। उन्होंने कहा कि आज मडुवे से पिज्जा, बिस्किट, मडुवे के मोमो, कैक आदि चींजे बनने लगी है।

जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने मडुवे का न्यूनतम प्रोत्साहन समर्थन मूल्य तय कर रखा है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग को इस वित्तीय वर्ष के लिये जनपद को दस हजार कुन्तल मडुवा एकत्र करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कई राज्यों से अपने परम्परागत उत्पादों को अपने दैनिक जीवन में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई पर्यटक उत्तराखण्ड आ रहा है तो क्या हमारे रैस्टोरैण्ट व होटल यहां के लोकल उत्पादों को अपने मैन्यू में दे रहे है हमें इस ओर ध्यान में देना होगा। उन्होंने कहा कि यहां के होम स्टे संचालको द्वारा यहां के स्थानीय उत्पादों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है जो एक अच्छी बात है।

इस दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद विवेकानन्द पर्वतीय अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा0 आर0के0 खुल्बे ने मोटे अनाज की उन्नतशील बीजों की जानकारी दी और कहा कि अनुसंधान द्वारा मोटे अनाज की अच्छी फसलों को विकसित करने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मडुवे की जीआई टेकिंग हो जाती है तो मडुवे को राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय बाजार में एक अलग पहचान मिलेगी।

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