रोहड़ू ब्रेकिंग : समरकोट के सेरी गांव में आग से दो मकान खाक, एक करोड़ की संपत्ति जली, गाय बछड़ा भी जिंदा जले

रोहड़ू। शिमला जिले के रोहड़ू उपमंडल के तहत समरकोट क्षेत्र के गांव सेरी में आग लगने से दो घर जलकर खाक हो गए। इस दुर्घटना में एक गाय और बछड़ा भी जिंदा जल गए। दमकल विभाग की टीम भी मौके पर पहंची और ग्रामीणों की मदद से बामुश्किल आग पर काबू पाया जा सका। आग लगने से मोहन लाल और कैलाश सिंह कायथ के पुश्तैनी मकान जल गए। आग सुबह करीब साढ़े चार बजे कैलाश के घर की निचली मंजिल में लगी।


आग लगने का पता चलते ही घर में रह रहे लोग बाहर निकल भागे। इस दौरान गांव के लोग आग बुझाने के लिए मौके पर आ जुटे। लेकिन लकड़ी का मकान होने के कारण आग लगातार भयावाह होती गई। कैलाश सिंह कायथ के पुश्तैनी में लगी लेकिन कुछ ही देर में मोहन लाल के घर को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। कैलाश सिंह के पुश्तैनी मकान की धरातल मंजिल में बंधे रोशन लाल की एक गाय और एक बछड़ा जल गये। उनके पड़ोसी विश्वानाथ का शादी के लिए खरीदा सामान और राशन भी जलकर राख हो गया है।


पटवार वृत भलूण के पटवारी कमलेश कुमार ने बताया कि इस घटना में करीब एक करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। आग लगने का कारण बिजली का शार्ट सर्किट हो सकता है। जांच में पाया कि घटनास्थल के साथ ही बिजली के खंभों में घरों को जाने वाली सर्विस वायर जलकर लटकी हुई थी। प्रशासन ने पीड़ितों को फौरी राहत प्रदान कर दी है। वहीं, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा ने घटनास्थल पर पहुंच कर नुकसान का जायजा लिया है। उन्होंने प्रभावितों को उचित सहायता का आश्वासन दिया है। डीएसपी रविंद्र नेगी हादसे की जांच चल रही है। एसडीएम विजय वर्धन ने कहा प्रभावितों को प्रशासन की ओर से फौरी राहत दी है। प्रभावित परिवारों को गांव में दूसरे के घर में रखा गया है।

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सरमरकोट क्षेत्र के सेरी गांव में आग से दो परिवारों के घर जलकर राख हो गए हैं। अब दो परिवारों के लोगों की आंखों से जलते घरों के उठते धुएं आंसू बनकर छलक रहे हैं, जो सहारे के लिए दामन मांग रहे हैं। पुश्तैनी घर जलकर राख होने के बाद दो परिवार दूसरों के घरों में सर्दी की रातें गुजारने को मजबूर हो गए हैं। घर के साथ सारा सामान जलकर राख हो गया है। परिवार के लोगों के पास तन के कपड़े के सिवाए कुछ नहीं बचा है। आग की घटना के बाद दूर-दूर से रिश्तेदार और आसपास के गांव के लोग पीड़ितों को ढांढस देने पहुंच रहे हैं।

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परिवार की महिलाएं अपनों के साथ मिलकर जले घरों से उठते धुएं को देख कर आंसू नहीं रोक पा रही हैं। प्रभावित परिवारों को ग्रामीणों ने अपने घरों में शरण दी है, लेकिन करीब सात हजार फीट की ऊंचाई पर बसे गांव में लगतार ठंड बढ़ने पर परिवारों को अपने छत की चिंता सताने लगी है। विधायक एवं मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा ने मौके पर पहुंच कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। रिश्तेदार और अन्य गांव के लोग भी मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं, लेकिन परिवार को मलाल हो रहा है कि ताउम्र कमाई से बना घर पल में राख हो गया।

इसी महीने सेरी गांव के कैलाश सिंह के पुश्तैनी मकान में उसके पड़ोसी विश्वनाथ ने अपनी लड़की की शादी के लिए सामान खरीदकर रखा था। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। आग में खरीदा हुआ सारा सामान और राशन जलकर राख हो गया है। विश्वनाथ की लड़की की शादी इसी महीने तय हुई थी। दो परिवारों को अब अपने घरों के राख होने की चिंता के साथ तीसरे परिवार के शादी समारोह के लिए जुटाए सामान की चिंता भी सता रही है।
गांव आ जाता चपेट में
आग लगने की सूचना पर गांव के सैकड़ों लोग सहायता के लिए मौके पर पहुंच गए थे। अग्निशमन विभाग के वाहन को भी सहायता के लिए बुलाया था। रोहड़ू से करीब तीस किलोमीटर की दूरी होने के कारण दमकल वाहन को पहुंचने तक पूरा घर आग की चपेट में आ चुका था। घर में फैली आग के सामने पानी की बौछारों का कोई असर नहीं दिख रहा था। ग्रामीणों और दमकल के प्रयासों से आसपास के घरों को आग की चपेट में आने से बचाया गया। आग पर काबू न होता तो पूरा गांव चपेट में आ जाता।

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