उत्तराखंड पत्रकार महासंघ ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर की वर्चुअल बैठक, कोरोना काल में दिवंगत पत्रकारों का श्रद्धांजलि
देहरादून। उत्तराखण्ड पत्रकार महासंघ द्वारा आज हिंदी पत्रकारिता दिवस पर गुगल मीट के माध्यम से वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सर्वप्रथम महासंघ की ओर से कोरोना काल में दिवंगत हुए पत्रकारों को श्रद्धांजलि देते हुए लिए 1 मिनट का मौन रख गया। वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष राजीव मैथ्यू द्वारा की गयी, उन्होंने सभी पत्रकारों मीडिया कर्मियों को हिंदी पत्रकारिता दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए बैठक प्रारंभ की।
बैठक मे उपस्थित हुए सभी पत्रकारों ने पत्रकारो के हितों में अपने विचार व्यक्त किए। महासंघ के संगठन प्रभारी सुशील चमोली जी ने कहा कि पत्रकारों को कोरोना महामारी में सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है। राजू वर्मा ने बताया कि हमें प्रयास करना चाहिए कि सभी संगठनों को पत्रकार के हित में एक मंच पर लाना चाहिए।
डॉ. दिनेश उपमन्यु ने का की उत्तराखंड पत्रकार महासंघ की इंटरनेशनल स्तर पर वेबसाइट होनी चाहिए ताकि हमारी आवज पूरी दुनियां तक जा सके। शुभम ठाकुर ने बताया कि पत्रकारो के आवास की व्यवस्था होनी चाहिए। मदन अग्रवाल ने बताया कि लंबे समय से चले आ रहे समाचार पत्रों का सूचीबद्ध होना चाहिए।
जिला उपाध्यक्ष राकेश कुमार भट्ट ने बताया कि हमें अपनी मांगे सूचीबद्ध संबंधित हो या कोरोना महामारी में पत्रकारों के संबंधित हो उत्तराखंड पत्रकार महासंघ के माध्यम से सूचना महानिदेशक व मुख्यमंत्री से मिलना चाहिए।
अल्मोड़ा इकाई के वरिष्ठ सदस्य शिवेंद्र गोस्वामी ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सभी पत्रकारों को शुभकामनाएं दी। सभी पत्रकारों ने पत्रकारों के हित में अपने अपने विचार व्यक्त किए।
प्रदेश अध्यक्ष निशीथ सकलानी ने सभी को हिन्दी पत्रकार दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सभी के विचारों को ध्यान में रखकर निराकरण करने का प्रयास किया जायेगा। अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड पत्रकार महासंघ का सदस्यता अभियान समूचे प्रदेश में चलाया जाएगा।
इस गुगल मीट वर्चुअल मीटिंग मे प्रदेश सचिव सुभाष कुमार, अल्मोड़ा से शिवेंद्र गोस्वामी, प्रदेश उपाध्यक्षा श्रीमती बीना उपाध्याय, सत्येंद्र बर्थवाल, जिला महासचिव राकेश शर्मा, गुमान सिंह, राजेंद्र, शुभम ठाकुर, राजू वर्मा, पंकज अग्रवाल, विपिन सिंह, विजेंद्र सिंह, विनोद, श्रीमती इन्दू मंमगई, कैलाश, कुलदीप रोतेला, भूपेंद्र जोशी, अरुण ऑसमंड़ आदि सभी ने अपने विचार व्यक्त किये।