सितारगंज…गुस्सा: थारू समुदाय के लिए आपत्तिजनक टिप्पणियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन, प्रो. रावत को नौकरी से निकालने और पुस्तक का प्रतिबंधित करने की मांग
नारायण सिंह रावत
सितारगंज। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के प्राध्यापक प्रो. अजय रावत लिखी गई पुस्तक उत्तराखंड का समग्र राजनैतिक इतिहास में थारू जनजाति पर की गई टिप्पणी से इस समुदाय के लोगों में उबाल आ गया है। आज सितारगंज में हजारों की संख्या में जुटे थारू समुदाय के लोगों ने पुस्तक के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।
बाद में बारह राणा स्मारक समिति के पदाधिकारियों ने एसडीएम सितारगंज को एक ज्ञापन सौंपकर प्रो. रावत को उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से पद मुक्त करने व पुस्तक पर प्रतिबंधित करते हुए पाठयक्रम से हटाने की मांग की गई।
आज सुबह हजारों की संख्या में थारू जनजाति से जुड़े लोग सितारगंज में एकत्रित हुए। जहां से उन्होंने प्रो. राणा व उनकी लिखित विवादित पुस्तक के खिलाफ नारेबाजी करते लजुलूस की शक्ल में यह भीड़ एसडीएम कार्यालय पहुंची। रास्ते में भीड़ को उग्र होने से रोकने में पुलिस के खासी मशक्त करनी पड़ी।
जुलूस में नानकमत्ता के कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह राणा, बीआरएसएस के श्रीपाल राणा वपूर्व छात्र संघ अध्यक्ष भास्कर राणा व अन्य बड़े नेता कर रहे थे।
बाद में एसडीएम को बीआरएसएस के लेटर हैड पर एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें कहा गया है कि प्रो. राधा की पुस्तक में थारू जनजाति के लिए लिखे गए विवादित कमेंटों समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
ज्ञापन में मांग की गई है कि विवादित पुस्तक लिखने वाले प्रो. रावत को तुरंत उत्तराखंड मुक्त विश्व विद्यालय की नौकरी से हटाया जाना चाहिए। साथ ही पुस्तक को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। मुक्त विश्व विद्यालय के पाठयक्रम से भी पुस्तक को हटाया जाना चाहिए।