गुड न्यूज : एसजेवीएन की एक और छलांग, बिहार में 200 मेगावाट की सोलर परियोजना हासिल की
देहरादून। एसजेवीएन ने बिहार में 200 मेगावाट ग्रिड कनेक्टिड सोलर पीवी विद्युत परियोजना हासिल की है। नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक , एसजेवीएन ने बताया कि कंपनी ने दिनांक 13 अगस्त को आयोजित ई-रिवर्स नीलामी के दौरान बिल्ड, ओन एंड ऑपरेट (बीओओ) आधार पर रू.3.11 /यूनिट की दर से 200 मेगावाट परियोजना को खुली प्रतिस्पर्धी टैरिफ बोली प्रक्रिया के माध्यम से हासिल किया है ।
एसजेवीएन ने बिहार रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (बीआरईडीए) द्वारा जारी 200 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रकिया में भाग लिया, जिसमें तीन अन्य प्रतिभागियों ने भी भाग लिया ।
उन्होंने बताया कि इस परियेाजना के निर्माण और विकास की संभावित लागत 1000 करोड़ रूपए है । इस परियोजना से पहले वर्ष में 420.48 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन की संभावना है और 25 वर्षों की अवधि में परियोजना संचयी विद्युत उत्पादन लगभग 10512 मिलियन यूनिट होगा । बीआरईडीए तथा एसजेवीएन के मध्य पीपीए पर 25 वर्षों के लिए हस्ताक्षर किए जाएंगे।
शर्मा ने अवगत कराया कि वर्तमान में, एसजेवीएन की कुल स्थापित क्षमता 2016.5 मेगावाट है जिसमें 1912 मेगावाट की दो जलविद्युत परियोजनाएं तथा 104 मेगावाट के 4 नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र (6.9 मेगावाट के दो सौर संयंत्र तथा 97.6 मेगावाट के 2 पवन संयंत्र) शामिल हैं । इससे पहले, एसजेवीएन ने गुजरात और उत्तर प्रदेश राज्य में कुल 145 मेगावाट की दो सौर परियोजनाएं हासिल की हैं । इन दोनों सोलर परियोजनाओं को भी खुली प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से हासिल किया गया है । 200 मेगावाट के इस हाल ही के आबंटन के साथ एसजेवीएन के पास अब 345 मेगावाट की सोलर परियोजनाएं निष्पादनाधीन है। उन्होंने कहा कि इन सभी सोलर परियोजनाओं को मार्च,2022 तक कमीशन किया जाना है, जो एसजेवीएन की नवीकरणीय क्षमता के लिए एक विशाल बढ़ोत्तरी होगी ।
भारत सरकार ने 24×7 पावर फॉर ऑल के विजन को परिकल्पित किया है तथा 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है, जिसमें से वर्ष 2022 तक 100 गीगावाट सोलर के माध्यम से पूरा किया जाना है । गत वर्ष सितम्बर में संयुक्त जलवायु कार्यान्वयन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य की घोषणा की थी । भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप एसजेवीएन ने 2023 तक 5000 मेगावाट , 2030 तक 12000 मेगावाट और 2040 तक 25000 मेगावाट क्षमता वृदि्ध का अपना साझा विजन निर्धारित किया है ।