हाथियों की मौत का मामला : ट्रेन के लोको पायलट पर मुकदमा, ट्रेक से सटे पेड़ हटेंगे, रेलवे और वन विभाग की टीमें करेंगी संयुक्त गश्त, रेल की गति निर्धारित होगी
हल्द्वानी। टांडा के जंगल में कल आगरा फोर्ट रामनगर 05055 की चपेट में आकर हथिनी और उसके बच्चे की मौत के बाद वन विभाग की टीम को इस रेल खंड पर अलर्ट मोड पर रखा गया है। वन विभाग ने निर्णय लिया है कि रेलवे ट्रेक पर ऐसे स्थानों को भी चिन्हित किया जाएगा जहां पर पेड़ पौधों की वजह से विजीविलटी कम हो जाती है। वहां से पेडों को हटाया जाएगा। वन विभाग ने इस घटनाक्रम पर सख्त रूख अपनाते हुए आगरा फोर्ट टू रामनगर ट्रेन के लोको पायलट के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। इस ट्रेन के लोको पायलट विशेष चंद्र थे।
मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को लालकुआं से अपने निर्धारित समय पर चली 05055 आगरा रामनगर एक्सप्रेस ट्रेन रेलवे स्टेशन से जैसे ही सुबह सिडकुल रेलवे स्टेशन से तराई केंद्रीय वन प्रभाग के पीपल पड़ाव रेंज में पहुंची तभी अचानक रेल पटरियों को पार कर रहे हाथियों के झुंड के दो सदस्य ट्रेन की चपेट में आ गए। जिसमें दोनों मादा हाथियों की टकराकर दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद हाथियों ने ट्रेक जाम कर दिया था, इसकी वजह से दो जोड़ी ट्रेनों के आवागमन पर असर पड़ा था।
बाद में प्रभागीय वनाधिकारी तराई केंद्रीय डा. अभिलाषा सिंह एवं उप प्रभागीय वन अधिकारी ध्रुव सिंह मार्तोलिया भी मौके पर पहुंचे ललेकिन हाथियों को झुंड अपने मृतक साथियों को छोड़कर जाने का तैयार नहीं था। बाद में वन विभाग की टीम को हवाई फायर करके झुंड को जंगल में खदेड़ना पड़ा। दोनों शवों को मौके पर ही पोस्टमार्टम कराया गया और वहीं अधिकारियों के सामने ही दफना दिया गया।
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के उप प्रभागीय वन अधिकारी ध्रुव सिंह मार्तोलिया ने बताया कि वन विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए ट्रेन के लोको पायलट विशेष चंद्र के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित 2006 की धारा 2,9, 39, 50, 51, 57 के तहत मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।
भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए वन विभाग एवं रेलवे की संयुक्त टीम रात में गश्त करेगी। वहीं वन विभाग ने मंडल रेल प्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे इज्जत नगर को पत्र लिखकर अवगत कराया जा रहा है कि पूर्व में दोनों विभागों की संयुक्त सर्वे रिपोर्ट के अनुसार लालकुआं गूलरभोज रेल लाइन पर गति सीमा सीमित रखने हेतु जो प्रस्ताव भेजा गया था जो अभी तक लंबित है। इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द अमल में लाया जाए ताकि ट्रेक पर कोकई और हादसा न हो सके।