खाकी पर सवाल @ बागेश्वर : यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता टैक्सी चालक को पीटने और चालान से बचने को सौ रूपये मांगने का आरोप, एसपी कार्यालय पर्र धरना शुरू
बागेश्वर। कोतवाली में तैनात एक दरोगा व उसके साथी सिपाहियों के खिलाफ कार्रावाई की मांग को लेकर युवक कांग्रेस एसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गई है। दोपहर बाद उनके समर्थन देने के लिए पूर्व विधायक ललित फर्सवाण, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष लोकमणि पाठक, बागेश्वर के कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी बाल कृष्ण सहित दर्जनों वरिष्ठ कांग्रेसी नेता धरना स्थल पर पहुंच गए हैं। एसपी के यहां न होने के कारण कोतवाल धरना दे रहे कांग्रेसी नेताओं से मिलने पहंचे लेकिन कांग्रेसी वरिष्ठ नेताओं से बात करने की जिद पर अड़े रहे। अब सीओ बागेश्वर विपिन चंद्र पंत आंदोलन कर रहे कांग्रेसी नेताओं के बीच पहुंच गए हैंं।
मिली जानकारी के अनुसार यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता पवन नैनवाल टैक्सी चलाता हैं। कल वह गाड़ी लेकर मंडलसेरा से बागेश्वर जा रहा था, रास्ते में भागीरथी तिराहे पर हर रोज की तरह पुलिस की टीम वाहनों की जांच कर रही थी। पवन का कहना है कि उसने सीट बैल्ट नहीं लगाई थी। इस पर वहां तैनात पुलिस के दरोगा भूपेंद्र मेहता ने उससे सौ रूपये मांगे। उसने दरोगा को दो सौ का नोट दिया। जिसमें से सौ रूपये उसे वापस नहीं किए गए। अचानक दरोगा ने उस पर थप्पड़ मारने शुरू कर दिए। उसे कम से कम तीन थप्पड़ मारे गए।
पवन इसके बाद यह बात यूथ कांग्रेस के नेताओं को बताई। आज सुबह यूथ कांग्रेस के कई कार्यकर्ता संगठन के जिला अध्यक्ष कवि जोशी के नेतृत्व में एसपी कार्यालय जा धमके। वहां एसपी के न मिलने पर वे वहीं धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद कोतवाल मौके पर पहुंचे लेकिन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उनकी नहीं सुनीं। कुछ ही देर में कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्सवाण, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष लोकमणि पाठक और बागेश्वर से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी बालकृष्ण भी समर्थकों के साथ एसपी कार्यालय पहुंच गए। एस पी कार्यालय के बाहर कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ता की नारेबाजी चल रही है।
समाचार लिखे जाने तक सीओ बागेश्वर विपिन चंद्र पंत धरना स्थाल पहुंच गए हैं। कांग्रेसियों ने उन्हें देखा तो नारेबाजी और तेज कर दी। अभी सीओ और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के बीच वार्ता शुरू नहीं हुई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब सीट बेल्ट न पहनने पर दो हजार रूपये के चालान का नियम है तो दरोगा ने सौ रूपये क्यों लिए।