अंधेर नगरी @ हल्द्वानी: कहने को कोविड कर्फ्यू, शराब की दुकानें रात नौ बजे के बाद भी खुलीं, कहां हैं डीईओ साब

हल्द्वानी। भले ही प्रदेश में कोविड कर्फ्यू लागू हो लेकिन बेवड़े तो दो घूंट लगा कर कह ही रहे हैं ‘ये कोविड कर्फ्यू क्या होता है…’, यही नहीं शराब प्रेमियों के साथ शराब के दुकानदार भी कुछ ऐसा ही ऐलान करते दिख रहे हैं। रात्रि कर्फ्यू के नियमों के उल्लंघन की शिकायतों के बाद हमने अपने फोटोग्राफर को मंगलवार की रात शराब की दुकानों का जायजा लेने भेजा कि कोविड कर्फ्यू के नियम उन परगू होते हैं या नहीं ।


नतीजा चौकाने वाला निकला। कोविड कर्फ्यू के नियमों में साफ तौर पर लिखा गया है कि तमाम व्यापारिक प्रतिष्ठान सुबह आठ बजे से खुलेंगे और रात ठीक नौ बजे सभी दुकानों के शटर गिरा दिए जाएंगे लेकिन शराब की दुकानों के लिए लगता है यह नियम कागम पर काली सयाही से लिखी चंद लाइने ही है।

तिकोनिया

उनका कोई वजूद नहीं है। वर्ना रात के दस बजे तक हल्द्वानी के बाजार में शराब की दुकानें धड़ल्ले से न खुली होतीं। इसके बाद चोर दरवाजों से शराब की बिक्री होती है सो अलग। हमने जितनी भी दुकानें देखी सभी रात नौ बजे के बाद डंके की चोट पर खुली दिखी जबकि बाकी बाजार बंद हो चुका था।

मुखानी


तमाम चित्र एकत्र हो जाने के बाद हमने जिला आबकारी अधिकारी महेंद्र सिंह को फोन मिलाया लेकिन उन्होंने संभवत: अज्ञात नंबर देखकर फोन नहीं उठाया। अगर वे फोन उठाते तो इन सभी दुकानों के फोटो उन्हें भेजकर हम भी उनसे पूछते ‘ ये कोविड कर्फ्यू क्या होता है…’

ट्रांसपोर्ट नगर

अब इसका कारण क्या है कि कोरोना काल में भी प्रशासन शराब दुकानदारों से कोविड कर्फ्यू के नियमों का पालन नहीं करा पा रहा है। वैसे शहर के तमाम लोग जानते हें कि आज कल कौन सी दुकान का मालिक कौन है।

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यह रहा दुकानों के खुलने और बंद होने का समय…

और किसकी किसके दरबार में सुबह शाम उठक बैठक चल रही है। जो भी हो यदि शराब के दुकानदारों के राजनीति प्रश्रय को सरकारी मान्यता प्राप्त है तो फिर महामारी अधिनियम के नियमों का खौफ दूसरे दुकानदारों को दिखाना तो एक तरफा ही कहा जाएगा।

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