सराहनीय…#ऋषिकेश : प्रधानमंत्री मोदी ने देश को समर्पित किए 35 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट, बोले— आज ही के दिन मुझे गुजरात के सीएम की मिली थी जिम्मेदारी
ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देशभर के पीएम केयर्स के तहत स्थापित 35 प्रेशर स्विंग एडॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट देश को समर्पित किए।
जल्द सभी जिलों में अब पीएसए ऑक्सीजन प्लांट चालू हो जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित करते हुए नवरात्रि के पवित्र त्योहारों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिन मैं उत्तराखंड में हूं। उत्तराखंड देवभूमि है। इससे बड़ा आशीर्वाद जीवन में कुछ और नहीं हो सकता। उन्होंने ओलंपिक और पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड राज्य को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड की भूमि के साथ उनका संबंध न केवल दिल का है, बल्कि विकास करने का भी है, न केवल सार का बल्कि तत्व का भी है।
7 अक्टूबर को अपने जीवन का विशेष दिन बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 20 साल पहले इसी दिन, उन्हें जनता की सेवा करने की एक नई जिम्मेदारी मिली थी। उन्होंने कहा कि लोगों की सेवा करने, लोगों के बीच रहने का उनका सफर कई दशकों से चल रहा था, लेकिन आज से 20 साल पहले उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में एक नई जिम्मेदारी मिली थ्री। मोदी ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह लोगों के आशीर्वाद से प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचेंगे। सरकार के मुखिया के रूप में इस अटूट यात्रा के 21वें वर्ष में प्रवेश करने पर प्रधानमंत्री ने देश और उत्तराखंड की जनता का आभार व्यक्त किया।
मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि जिस धरती से योग और आयुर्वेद जैसी जीवनदायिनी शक्तियों को बल मिला, उसी धरती से आज ऑक्सीजन के प्लांट देश को समर्पित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए इतने कम समय में जो सुविधाएं तैयार की हैं, वह हमारे देश की क्षमता को दर्शाती हैं।
महामारी से पहले सिर्फ 1 टेस्टिंग लैब से लगभग 3000 टेस्टिंग लैब का नेटवर्क बनाया गया था। भारत ने संकट की घड़ी में विश्व के देशों की मदद करते हुए मास्क और किट विदेशों को निर्यात किए हैं व साथ ही देश के सुदूर इलाकों में भी नए वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई। भारत ने मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन का तेजी से और बड़े पैमाने पर निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज टीकाकरण अभियान लागू किया है।
भारत ने जो किया है वह हमारे संकल्प, हमारी सेवा और हमारी एकजुटता का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सामान्य दिनों में भारत एक दिन में 900 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन का उत्पादन करता था। जैसे-जैसे मांग बढ़ी, भारत ने मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में 10 गुना से अधिक की वृद्धि की। उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी देश के लिए यह एक अकल्पनीय लक्ष्य था, लेकिन भारत ने इसे हासिल कर लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक भारतीय के लिए यह गर्व की बात है कि देश में अभी तक कोरोना की 93 करोड़ वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं और बहुत जल्द भारत 100 करोड़ वैक्सीन का आंकड़ा पार कर जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 6-7 साल पहले तक देश के कुछ ही राज्यों में एम्स की सुविधा थी। लेकिन, आज प्रत्येक राज्य में एम्स बनाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि 6 नए एम्स बनाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। शीघ्र ही देश में 22 एम्स संस्थानों का नेटवर्क होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का यह भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज हो।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड के निर्माण का सपना पूरा किया था। अटल बिहारी वाजपेयी का मानना था कि कनेक्टिविटी का सीधा संबंध विकास से होता है। अटल जी की प्रेरणा से आज देश में अभूतपूर्व गति और वृहद पैमाने पर बुनियादी ढांचे में सुधार का काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन के शुभारंभ से पहले, उत्तराखंड में केवल 1,30,000 घरों में नल का पानी था। आज उत्तराखंड के 7,10,000 से अधिक घरों में पाइप से पेयजल पहुंचना शुरू हो गया है। यानी महज 2 साल के अंदर ही राज्य में करीब 6 लाख घरों को पानी के कनेक्शन मिल गए हैं। सरकार भी हर सैनिक, हर पूर्व सैनिक के हितों के लिए काफी गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके सशस्त्र बलों से हमारे भाइयों की 40 साल पुरानी मांग को पूरा किया।
इसके बाद एम्स ऋषिकेश के 1000 लीटर प्रति मिनट उत्पादन क्षमता वाले पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण भी किया।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, उत्तराखंड के राज्यपाल रिटायर्ड ले. जनरल गुरमीत सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय पर्यटन और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रीगण, एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी, डीन एकेडेमिक प्रो. मनोज गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर अश्वनी कुमार, प्रो. संजीव मित्तल, प्रो. लतिका मोहन, नोडल ऑफिसर व ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल आदि मौजूद थे।
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