सितारगंज… #मदद: एसिड अटैक पीड़ितों को बताए कानूनी अधिकार, महिलाओं की सुरक्षा को कानून में किए गए हैं विशेष प्रावधान
नारायण सिंह रावत
सितारगंज । एसिड अटैक सभ्य समाज के लिए अभिशाप है। इस तरह के आपराधिक कृत्यों से न सिर्फ महिलाओं को गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचती है, बल्कि उनका मनोबल भी बुरी तरह प्रभावित होता है। इस अपराध से निपटने एवं न्याय पाने के लिए महिलाओं को कानून में विशेष अधिकार दिए गए हैं। जिनके अनुपालन को सुनिश्चित करने की भी व्यवस्था की गई है।
उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में सेंट्रल हॉस्पिटल कुसुम खेड़ा निकट कोहली कॉलोनी में एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं के लिए विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
महिलाओं को बताया गया कि एसिड अटैक बेहद घृणित एवं कुत्सित अपराध है। कानून में एसिड अटैक के हमलावरों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इसमें कड़ी सजा देना भी शामिल है। किसी भी सभ्य समाज में एसिड अटैक जैसे गंभीर अपराधों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
ऐसा करने वाले न सिर्फ महिलाओं के मान सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि इसकी पीड़ित महिलाओं को गंभीर शारीरिक एवं मानसिक यंत्रणा झेलने को विवश होना पड़ता है। शिविर में महिलाओं को एसिड अटैक वह भारतीय दंड संहिता की धारा 326 ए व 326बी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
पीएलबी अंजू कठायत बिष्ट ने पीड़ित महिलाओं को उनके विभिन्न कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करते हुए विस्तार पूर्वक उनके अधिकार बताए। इस मौके पर नीमा बिष्ट, चंद्रकला जोशी, कृष्णा भट्ट, भावना, दीपा, रजनी आदि मौजूद थीं।