देहरादून… #गलत परंपरा : गर्भगृह की मर्यादा टूटी, हरीश रावत का लाइव टेलीकास्ट पर एतराज
देहरादून। हरीश रावत ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के केदारनाथ आए हैं और मैं भी स्वागत करता हूं। मगर अब मैं निराश हूंँ, क्योंकि उन्होंने उत्तराखंड व आपदा पीड़ित उत्तराखंड के लिए और केदार क्षेत्र के भविष्य की योजनाओं के विषय में कोई स्वीकृतियां नहीं दी।
कोई धन देने की घोषणा नहीं की। उल्टा हमारी परंपराओं व मान्यताओं को रौंदकर के चले गये। बड़े-बड़े नेता आए, महामहिम राष्ट्रपति भी आये। इंदिरा गांधी भी आयीं। राहुल पैदल चलकर के आये। मुख्यमंत्री तो आते रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री के तौर पर कई बार केदारनाथ गया।
हर बार गर्भगृह में भगवान केदारनाथ के सामने ध्यानस्थ भी रहा। लेकिन हमको उस क्षण की फोटो खींचने और लाइव प्रसारित करने की हिम्मत नहीं आयी। रावल जी और केदारनाथ मंदिर समिति ने जो लक्ष्मण रेखा खींची थी।
हमने हमेशा उसका आदर किया। लेकिन इस बार गर्भगृह से प्रधानमंत्री जी ने अपने को लाइव प्रसारित करवाया। फेसबुक लाइव व आज तक और दूसरे चैनलों में यह सब कुछ टेलीकास्ट हुआ। मंदिर के प्रांगण से राजनैतिक उद्देश्य को लेकर भाषण किया गया।
उसको सरकारी संचार माध्यमों से प्रसारित किया गया। अब मैं अपने उन साथियों की सलाह के लिए उनको धन्यवाद देता हूंँ जिन्होंने मुझसे कहा कि आप उनके आगमन का स्वागत कर गलत कर रहे हो। वास्तव में गलती हो गई।
गर्भगृह की मर्यादा भी टूटी, देवस्थान में राजनीति न हो उसकी भी मर्यादा टूट गई। मगर शिकायत करें तो किससे करें? उलटा उत्तराखंड को कुछ हासिल नहीं हुआ, न आपदा को लेकर उत्तराखंड को कोई सहायता दी गई और न केदारनाथ में रोपवे सहित किसी भी प्रकार की कोई निर्माण कार्य की स्वीकृती प्रदान की गयी, केदार बाबा क्षमा करें।
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