हल्द्वानी… #वाह रे अधिकारियों : यहां न चौक है न तिराहा फिर भी ट्रेफिक लाइटें दे रही वाहनों को रेड, यलो व ग्रीन संकेत
पंकज जोशी
हल्द्वानी। कभी आपने देखा है कि सीधे मार्ग पर ट्रफिेक लाइटें लगा कर लेागों को यकने और चलने के लिए संकेत दिए जा रहे हों। लेकिन कहीं और हो या न हो हल्द्वानी में यह हो रहा है। वह भी युवा पीढ़ी को सामाजिक बनाने की उस महापाठशाला के ठीक सामने। जिसे कुमाऊं के सबसे बड़े शिक्षा का मंदिर होने का गौरव प्राप्त है। बिना सोचे समझे योजनाएं बनाना और फिर कुछ दिनों में योजना फेल होने पर धन की बर्बादी के साथ जनता में मजाक का पात्र बनना उनकी नियती बन गई है। अब आप स्वयं ही देख लीजिए…
हल्द्वानी में नैनीताल रोड़ पर स्थित डिग्री कालेज के सामने रोड क्रास कट करने वाले वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण यहा डिवाइडर पर कट बनाया गया। वाहन अधिक होने के कारण यहां ट्रेफिक लाइटें भी लगाई गई। फिर कुछ ही दिन बाद अचानक अधिकारियों को ख्याल आया कि यहा कट बनाए जाने से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। नतीजतन अधिकारियों ने आनन फानन में कट बंद करने के आदेश दे दिए। अब इस स्थान पर कट तो बंद कर दिए गए हैं। लेकिन ट्रेफिक लाईट अनवरत वाहनों को रूकने और चलने का इशारा करती रहती है। है न गजब की व्यवस्था।
कालेज में सामाजिक अनुशासन का पाठ पढ़ने के बाद बच्चे जब गेट पर पहुंचते हैं तो सबसे पहले सड़क पर उन्हें इन्हीं लाइटों का सामना करना पड़ता है। यदि लाइटें बंद हों तब भी कोई बात नहीं लेकिन यहां तो पूरा दिन और पूरी रात रेड, यलो और ग्रीन लाइटें समय बद्धता के साथ जलती बुझती रहती है। अब बच्चे लाइटों द्वारा दिए जा रहे दिशा निर्देशों को मानें या फिर नियम को ताख पर रखकर आगे चलते रहें।
संभवत: किताबी और व्यवहारिक शिक्षा का इससे बढ़िया पाठ बच्चों को कहीं और नहीं मिलेगा। किताबों में नियम कहता है कि हमें हमेशा ट्रेफिक लाइट के निर्देशों का पालन करना चाहिए। लेकिन इस मामले में कालेज के गेट पर ही उनका सामना व्यवाहारिकता से होता है जो कहती है कि इस तरह की लाइटों पर यकीन करना कतई भी मुनासिब नहीं है।
यह ट्रेफिक लाइटे भ्रम में डालती है वाहन चालकों को
थोड़ा आगे शाहर के अंदर जाएंगे तो इसी मार्ग पर नैनीताल कोआपरेटिव बैंक के सामने चौराहे पर भी ट्रेफिक लाइटों से आपका सामना होगा। जो कभी भी धोखा दे जाती है। अचानक ग्रीन हुई लाइट सेकेंड भर में बंद हो सकती है। इससे वाहन चालक भ्रमित हो जाते हैं। इन लाइटों में तकनीकी दिक्कत हैं लेकिन इसकी ओर किसी का ध्यान ही नहीं जा रहा है।
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