नालागढ़… अनदेखी:आजादी के 75 साल बाद भी 4 दर्जन से ज्यादा लोग नर्क से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर,पल-पल डर के साए में जीने को मजबूर गरीब परिवार

नालागढ़ (परमजीत पम्मी)।प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के तहत जगतखाना सरसा नदी के पुल के नीचे 4 दर्जन से ज्यादा लोग नर्क से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं आपको बता दें कि इन 4 परिवारों का अपने पक्के घर में रहने का आज तक का सपना ही बना हुआ है ।

आपको बता दें कि पिछले 20 सालों से यह चारों परिवार पुल के नीचे ही झुंगियां बना कर जी रहे हैं और झुग्गियों के आसपास गंदगी का भी आलम बना हुआ है जिसके चलते यह गरीब परिवार गंभीर बीमारियों की जहां चपेट में आ रहा है वही सालों से सरकार से मकान व मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग कर रहा है एक बार फिर इन गरीब परिवारों द्वारा प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार से अपने रहने के लिए जगह व मकान जैसी सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग उठाई गई है।

आपको बता दें कि आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी नालागढ़ के जगाखाना के पुल के नीचे रहने वाले यह 4 परिवारों को आज तक मकान जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है जिसके चलते यह लोग आज भी नर्क से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर है ।

आपको बता दें कि इन परिवारों द्वारा पुल के नीचे झुंगियां बनाई गई है और उसी में वह अपना गुजर बसर कर रहे हैं ओर न ही इन गरीब परिवारों के पास ना तो कोई पक्का मकान है और ना ही टॉयलेट की कोई व्यवस्था है और पानी की किल्लत होने के कारण यह लोग नदी का ही दूषित पानी पीने को मजबूर हैं ।

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हालांकि इन गरीब गरीब परिवारों की ओर से सरकार व प्रशासन से कई बार गुहार लगाई। लेकिन ना तो सरकार ने इनकी ओर कोई ध्यान दिया और ना ही प्रशासन की ओर से कोई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है हालांकि प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार गरीबों को सीएम आवास योजना, पीएम आवास योजना के तहत राहत देने के बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन इन दावों की पोल नालागढ़ क्षेत्र के तहत जगातखाना के पुल के नीचे रह रहे गरीब लोग खोल रहे हैं गरीबों की झुंगियों के पास चारों ओर गंदगी ही गंदगी फैली हुई है जिसके चलते यह लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं इन परिवारों में कोई भी पढ़ा लिखा नहीं है क्योंकि इनके पास ना तो आज तक आधार कार्ड या पहचान पत्र बन पाया है जिसके चलते इनके बच्चे भी अब पढ़े लिखे न होने के कारण उनका भविष्य भी गर्त में डूबता हुआ नजर आ रहा हैं।

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अब देखना यही होगा कि कब सरकार और प्रशासन जागते हैं और कब इन गरीब परिवारों को मकान जैसी सुविधा उपलब्ध करवा पाते हैं। और कब इन गरीब परिवारों को आ रही समस्याओं से निजात मिलती है।

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