सौरमंडल…दुलर्भ संयोग : एक ओर सूर्य ग्रहण, दूसरी ओर शुक्र और बृहस्पति ‘एक दूसरे में समा गए’, मंगल और शनि करते रहे ‘ग्रह परेड’

हल्द्वानी। रविवार देर रात हमारा सौर मंडल कई बदलावों का साक्षी बना। एक तरफ भारत में अदृश्य साल का पहला सूर्यग्रहण लगा । दूसरी ओर चार ग्रह एक साथ एक कतार में दिखाई दिए। देर रात सौरमंडल का चमकदार ग्रह शुक्र (वीनस) और सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति (जुपिटर) आसमान में एक-दूसरे में समाते नजर आए थे। वहीं, मंगल (मार्स) और शनि (सैटर्न) ग्रह भी इनके साथ एक ही कतार में दिखाई दिए।


इससे पहले चारों ग्रहों के एक कतार में आने की घटना तकरीबन 1,075 साल पहले 947 ईस्वी में हुई थी।

मंगल (मार्स) और शनि (सैटर्न) ग्रह


न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार इससे पहले चारों ग्रहों के एक कतार में आने की घटना तकरीबन 1,075 साल पहले 947 ईस्वी में हुई थी। इस नजारे को ‘ग्रह परेड’ (Planet Parade) के नाम से भी जाना जाता है। इसकी कोई वैज्ञानिक परिभाषा नहीं है, यह शब्द केवल इस घटना को बताने के लिए खगोल विज्ञान में इस्तेमाल किया जाता है।


BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, इनके संयोजन का अगला नजारा अब साल 2039 में देखने मिलेगा।
शुक्र और बृहस्पति के मिलने की यह घटना नग्न आंखों या सामान्य दूरबीन की मदद से हर कोई देख पाया।
शुक्र और बृहस्पति का करीब आना व मंगल और शनि का कतारबद्ध होना एक असल घटना नहीं है। यह मात्र पृथ्वी से दिखने वाली स्थिति है। असलियत में शुक्र और बृहस्पति एक-दूसरे से लगभग 43 करोड़ मील की दूरी पर हैं।

शुक्र और बृहस्पति


भारतीय समय के अनुसार शनिवार, 30 अप्रैल की रात सूर्य ग्रहण हुआ। सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी अमेरिका, अटलांटिक पेसिफिक और अंटार्कटिका में दिखाई दिया। ये ग्रहण भारत में नहीं दिखा। इस वजह से भारत में इस ग्रहण का सूतक भी नहीं रहा।

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पूरे दिन शनिश्चरी अमावस्या से जुड़े शुभ काम किए गए। भारतीय समय के अनुसार, सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल की रात 12.15 बजे से शुरू हुआ और 1 मई की सुबह 4.08 बजे ग्रहण खत्म हो गया।

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