आर्डर… आर्डरः किसी के सामने अश्लील हरकत करना भी यौन शोषण, कोर्ट ने 60 साल के शख्स को सुनाई सजा
मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने बाल यौन शोषण के एक मामले में 60 वर्षीय आरोपी को दोषी ठहराते हुए कहा कि किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में अश्लील हरकत करना उसके यौन इरादे स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त है। बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण पॉक्सो कानून के लिए विशेष न्यायाधीश प्रिया बनकर ने 29 अगस्त को आरोपी को दोषी ठहराया और उसे एक साल के कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 4 साल का पीडि़त बच्चा जब अपने घर के पास आरोपी की सिलाई की दुकान पर गया तो उसने देखा कि आरोपी अश्लील हरकत कर रहा है। आरोपी के वकील ने दलील दी कि उसने लडक़े को दुकान पर नहीं बुलाया था और न ही वह लडक़े के पास गया था।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह सच है कि बच्चे ने गलती से उस आदमी की हरकत देखी ली लेकिन आरोपी की दुकान छोटी है और बगल से गुजरने वाला कोई भी राहगीर उसकी हरकत देख सकता था।
अदालत ने कहा कि इस घटना का पीडि़त, उसके परिवार के सदस्यों और यहां तक कि समाज पर भी बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है तथा ऐसी धारणा है कि घर और आसपास के क्षेत्र बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं।
अदालत ने कहा कि इससे समाज में एक खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है। इसके बाद 60 वर्षीय आरोपी को दोषी ठहराते हुए 1 साल की सजा सुना दी गई।