हल्द्वानी…विधायक सुमित हृदयेश से मिले पीसीएस मेंस के अभ्यर्थी, मेंस पोस्टपोन करने की मांग, सरकार को चेताते हुए बोले सुमित कम्बल व कागज दोनों तैयार, सरकार तय करे कि वह किस्से मानेगी

हल्द्वानी। बीते दिनों 19 अक्टूबर को उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा महिला क्षेतिज आरक्षण के तहत निर्णय देते हुए लगभग 4000 से अधिक नए अभ्यर्थियों को पीसीएस मेंस लिखने का अवसर प्रदान किया गया। जिसके मेंस के फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर बुधवार को समाप्त हो गयी। अब लगभग 3 महीने पूर्व के छात्र छात्राओं व 19 अक्टूबर को जारी हुई नई सूची के अभ्यर्थियों जिन्हें तैयारी हेतु मात्र 20 दिन मील है उनके बीच तैयारी में भारी अंतर आ गया है। अभ्यर्थी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि वह कैसे 3 महीने से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के साथ मात्र 20 दिन में कंप्लीट कर पाएंगे। इसी को लेकर एक शिष्टमंडल युवा समाजसेवी पीयूष जोशी के नेतृत्व में हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश के आवास पर उनसे मिले। इस दौरान उन्होंने राज्य में हो रही विभिन्न परीक्षाओं मे धांधली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सुमित हृदयेश से इस मामले में हस्तक्षेप कर युवाओं के समर्थन में मेंस परीक्षा पोस्टपोन करने के लिए कहां तो विधायक सुमित हृदयेश ने तत्काल विधानसभा अध्यक्ष, कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह सहित तमाम लोगों से युवाओं के लिए समय मांगा साथ ही युवाओं को आश्वस्त किया कि वह युवाओं के साथ हर संभव खड़े हैं। वहीं युवाओं ने मेंस पोस्टपोन करने हेतु ज्ञापन विधायक सुमित हृदयेश को ज्ञापन युवा समाजसेवी पीयूष जोशी व अनिल टम्टा के नेतृत्व में सौंपा व मुख्य परीक्षा पोस्टपोन करने की मांग की। इस दौरान अनिल टम्टा,पंकज भट्ट, पीयूष भंडारी, आदित्य, चंद्रेश सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

30 तक कोई कार्यवाही नहीं तो सड़क से कोर्ट तक युवाओं की लड़ाई लड़ेंगे : सुमित हृदयेश
हल्द्वानी।
मुख्य परीक्षा दे रहे अभ्यर्थियों के समूह ने जब सुमित हृदयेश से गुहार लगाई तो उन्होंने सरकार पर कड़ी नाराजगी जताते हुए, सरकार को चेताया कि उनका कंबल जो करोना काल में धरनों के लिए प्रयोग होता था काफी समय से अलमारी में पड़ा हुआ है। अब लगता है कि सरकार कि नींद तोड़ने के लिए युवाओं के साथ वह कंबल बिछाकर सड़कों पर बैठना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने सरकार को 30 अक्टूबर तक निर्णय लेने का समय देते हुए युवाओं से कहा कि 30 अक्टूबर तक कोई निर्णय न निकलने पर अपने एडमिट कार्ड सहित तमाम दस्तावेज तैयार रखे, वह युवाओं की ओर से हाईकोर्ट में पीआईएल दायर करेंगे साथ ही अगर मुकदमेबाजी की बात आई तो वह भी सबसे पहले वह झेलेंगे और युवाओ की लड़ाई सड़क से कोर्ट व संसद तक लड़ेंगे।

विभिन नेताओ से मिलने जायेगे मुख्य परीक्षा के अभ्यर्थी
हल्द्वानी।
जानकारी देते हुए अनिल टम्टा व पीयूष जोशी ने बताया कि विधायक सुमित हृदयेश ने विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से मुलाकात के लिए 28 अक्टूबर का समय मांगा। वहीं युवा मंत्री सौरभ बहुगुणा से मुलाकात के लिए 30 अक्टूबर को युवाओ का एक शिष्टमंडल जल्द देहरादून जाकर उनसे मुलाकात करेगा।

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फिर भर्तियों में घोटालों की आशंका जता रहे युवा, एफआरओ, ज्यूडिशियल सहित तमाम परीक्षाओं प्ररोक तो पीसीएस का ही मैंस करने में जल्दबाजी क्यो?
हल्द्वानी।
लगातार यूकेएसएससी हो या विधानसभा भर्ती घोटाले हो प्रदेश के युवा आक्रोशित है परंतु भर्ती घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे। ऐसे में युवाओं के एक समूह का मानना है कि जब यूकेपीसीएस एफआरओ व जुडिशल सर्विसेज की परीक्षा केवल आयोग ने इस आधार पर रोक दी है कि महिला आरक्षण पर सरकार अध्यादेश की तैयारी में है व स्थिति स्पष्ट नहीं है ऐसे में यूकेपीसीएस मुख्य परीक्षा मे इतनी जल्दबाजी में क्यो कराया जा रहा है। साथ ही बिना नकल विरोधी कानून के युवाओं ने आशंका जताई कि कहीं यह भर्ती परीक्षा भी अन्य भर्ती परीक्षाओं की भांति मात्र फॉर्मेलिटी न बनकर रह जाये।

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चाहे यूकेएसएससी की सारी भर्तियां को युकेपीएससी को देने का मामला हो या वर्तमान के के क्षेतिज आरक्षण का मामला सरकार को चाहिए कि पहाड़ के युवाओं के साथ अन्याय ना हो। बीते दिनों हमने युवा महाआक्रोश रैली के माध्यम से 13 सूत्रीय मांगे रखी थी जिनमें नकल विरोधी कानून क्षेतिज आरक्षण सहित कई मांगे थी। इन मांगों को पूरा किये बिना कोई भी परीक्षा कराने नए भर्ति घोटाले को आमंत्रण देना होगा।
पीयूष जोशी, उत्तराखण्ड युवा एकता मंच

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