अल्मोड़ा—- वन विभाग द्वारा जन समस्याओं की लगातार की जा रही अनदेखी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने दी चेतावनी
अल्मोड़ा- कर्नाटक खोला में कमला तिवारी पत्नी स्वर्गीय प्रयाग दत्त निवासी निकट रोडवेज वर्कशॉप कर्नाटक खोला अल्मोड़ा के घर के ऊपर पोपलर का जीर्ण हो चुके विशाल पेड़ झुके हुए है जो कभी भी टूटकर किसी बड़ी दुर्घटना को दावत से सकते है इस बारे में लिखित सूचना देने के बाद ही वन विभाग द्वारा आज 3:00 तक कोई कार्यवाही नहीं गई की गई पेड़ के गिर जाने के बाद भी 3 दिन बीत गए लेकिन वन विभाग अभी तक सूचना देने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचा लोगों द्वारा इसकी जानकारी पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक को दिए जाने के बाद उनके द्वारा आज मौके पर जाकर स्थिति का आकलन किया गया।
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवम पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि वन महकमा पूरी तरह बेलगाम हो चुका है।वन विभाग के द्वारा जन समस्याओं की लगातार अनदेखी की जा रही है।उन्होंने कहा कि पूर्व में लिखित सूचना देने के बाद भी वन विभाग गहरी नीद में सोया हुआ है। कर्नाटक खोला में कमला तिवारी पत्नी स्वर्गीय प्रयाग दत्त निवासी निकट रोडवेज वर्कशॉप कर्नाटक खोला अल्मोड़ा के घर के ऊपर पोपलर के जीर्ण हो चुके विशाल पेड़ झुके हुए है जो कभी भी टूटकर किसी बड़ी दुर्घटना को दावत से सकते है।
लेकिन ऐसा लगता है कि विभाग ने इस बात को भी मजाक में ले लिया और इस पर कोई भी कार्यवाही करना उचित नहीं समझा उन्होंने बताया की कुछ दिनों पूर्व यह विशाल पोपलर का पेड़ गिर चुका है वन विभाग को बार बारसूचित करने के बाद अभी तक वन विभाग का कोई भी कर्मचारी उक्त स्थल पर नहीं पहुंचा है।उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी नीद से जागे जनता की समस्याओं को मजाक में ना लें, इस बात को भली-भांति समझने की जनता के प्रति उनकी जवाबदारी है जिससे वह बस नहीं सकते हैं उन्होंने कहा कि यदि वन विभाग द्वारा अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं लाया गया तो मजबूर होकर वन विभाग के खिलाफ व्यापक जन आंदोलन किया जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि तीन दिन के भीतर वन विभाग के कर्मचारी स्थल पर नहीं पहुंचे और उक्त गिर चुके पेड़ को यहां से नही उठाया गया एवम अन्य गिरने वाले पेड़ो को हटाने के लिए कार्यवाही नही की गई तो वे प्रभागीय वनाधिकारी के कार्यालय में धरना प्रदर्शन को भी बाध्य होंगे। जिसकी सारी जवाबदारी वन विभाग की होगी।