हरियाणा ब्रेकिंग: खट्टर के इस्तीफे के बाद विधायक दल की बैठक बीच में छोड़कर बाहर निकले अनिल विज, प्राइवेट कार से हुए रवाना
हरियाणा। हरियाणा की सियासत में मंगलवार को बड़ा फेरबदल हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इस बीच निर्दलीय विधायक बीजेपी के समर्थन में आगे आए हैं। इसके साथ ही बीजेपी और जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठबंधन टूट गया है।
हरियाणा का राजनीतिक संकटहरियाणा का राजनीतिक संकट
हरियाणा की सियासत में मंगलवार को बड़ा फेरबदल हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इस बीच निर्दलीय विधायक बीजेपी के समर्थन में आगे आए हैं। इसके साथ ही बीजेपी और जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठबंधन टूट गया है।
कहा जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर हुए मतभेदों की वजह से ये गठबंधन टूटा है। इस बीच चंडीगढ़ में बीजेपी के विधायक दल की बैठक हो रही है। निर्दलीय विधायकों ने सीएम खट्टर से मुलाकात कर अपना समर्थन जताया है।
उधर चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक बीच में छोड़कर बीजेपी के बड़े नेता अनिल विज बाहर निकल गए हैं। वह सरकारी गाड़ी छोड़कर प्राइवेट कार से चले गए हैं। विधायक दल की बैठक अभी भी हो रही है। बताया जा रहा है कि वे नाराज होकर मीटिंग से बाहर निकले हैं। इस दौरान विज ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने बस इतना कहा कि बैठक में जो भी हुआ है, उसके बारे में सिर्फ ऑब्जर्वर बता सकते हैं।
इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया। इस तरह राज्य में बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन टूट गया है।
हरियाणा के सियासी घटनाक्रम पर कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने
कहा कि आज के घटनाक्रम पर मैंने तीन महीने पहले सिरसा में रिएक्शन दे दिया था। मैंने प्रदेश वासियों को बता दिया था कि बीजेपी-जेजेपी में समझौता तोड़ने का अघोषित समझौता हो गया है। और इस बार बीजेपी के इशारे पर जेजेपी और आईएनएलडी वाले कांग्रेस की वोट में सेंध मारने फिर आएंगे।
हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। भाजपा के पास 41 विधायक हैं। जजपा के पास 10 विधायक हैं। वहीं सात निर्दलीय भी भाजपा के साथ हैं। ऐसे में सरकार पर कोई संकट नहीं है।
गठबंधन टूटने का बड़ा कारण लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारा बना। जजपा ने हरियाणा की 10 सीटों में से 2 की मांग की थी लेकिन भाजपा को ये मंजूर नहीं था। सूत्रों के अनुसार, भाजपा हरियाणा की सभी दसों सीट पर संभावित उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर चुकी है। इसमें हर सीट से तीन से चार उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं। पीएम मोदी को टिकटों पर अंतिम मुहर लगानी है।