आ देखें जरा: अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट चौथी बार टकरा रहे अजय-प्रदीप टम्टा, मोदी की साख अजय के हवाले
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा संसदीय सीट पर एक बार फिर परंपरागत प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने आ डटे हैं। आंकड़े गवाह है कि यह चौथा चुनाव है जब अजय और प्रदीप आमने-सामने होंगे। भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा जीत की हैट्रिक बनाने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं तो कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदीप टम्टा जीतने के लिए फिर से उनके सामने ताल ठोकते दिखाइ्र देंगे। प्रदीप टम्टा के सामने एक बार फिर से मतदाताओं के विश्वास पर खरा उतरने की चुनौती है।
उत्तराखंड में चिपको आंदोलन के साथ ही नशा नहीं रोजगार दो जैसे जमीनी आंदोलन से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले प्रदीप टम्टा बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। पहले विधानसभा चुनाव वर्ष 2002 में कांग्रेस ने सोमेश्वर सीट से प्रदीप टम्टा को टिकट दिया, लेकिन अजय टम्टा टिकट की दौड़ में पिछड़ गए।
भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। पार्टी से अजय टम्टा की बगावत प्रदीप के काम आई। प्रदीप जीते और एनडी तिवारी सरकार में दर्जा मंत्री रहे।
वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में सोमेश्वर सीट से भाजपा ने अजय टम्टा को टिकट दिया। वह चुनाव जीतने में सफल रहे और सरकार में मंत्री भी बने। वर्ष 2009 में अल्मोड़ा संसदीय सीट आरक्षित हुई। तब भाजपा-कांग्रेस ने अजय और प्रदीप पर ही भरोसा जताया।
यह चुनाव कांग्रेस के प्रदीप टम्टा जीते। वर्ष 2009 में प्रदीप ने अजय को 6950 वोटों से मात दी और अल्मोड़ा -पिथौरागढ़ सीट अपने नाम की। लेकिन मोदी लहर में एक बार फिर अजय टम्टा की किस्मत पलटी।
मोदी लहर में वह वर्ष 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2014 लोकसभा में प्रदीप और अजय के बीच फिर से मुकाबला हुआ। 2009 के चुनाव में अजय जहाँ 6950 वोट से पीछे रह गए थे वहीं 2014 में बाज़ी पलटते हुए 95,690 वोटों से जीते।
प्रदेश में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रदीप को 2016 में प्रदेश से राज्यसभा के लिए भी भेजा गया। उधर अजय ने पिछली जीत का क्रम 2019 के चुनावों में भी बरक़रार रखा। 2019 के लोकसभा चुनाव में यह अंतर बढ़ गया। 2019 में यह अंतर बढ़कर 2,32,986 पहुंच गया और प्रदीप के सपने एक बार फिर पूरे नहीं हो सके।
अब 2024 के चुनाव में लगातार चौथी बार अजय टम्टा और प्रदीप टम्टा अल्मोड़ा संसदीय सीट पर दोनों एक बार फिर आमने-सामने हैं। उम्मीद है कि दोनों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। जनता का दिल जीतने को प्रदीप भी प्रयास कर रहे हैं।
अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार— 400 पार के नारे के साथ लगातार तीसरी बार चुनावी समर में उतरे हैं। उनके सिपाहसालार अजय टम्टा अल्मोड़ा—पिथौरागढ़ सीट जीत कर उनकी झोली में डालेंगे या फिर कांग्रेस मोदी की आंख से काजल उड़ा लेगी यह देखना काफी दिलचस्प होगा।