लोक कलाकारों ने लोक गायक स्वर्गीय गोविंद सिंह रावल रीठागाड़ी को अर्पित की भावपूर्ण श्रद्धांजलि 

अल्मोड़ा। विहान सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था के मुख्य सभागार में दिवंगत लोक गायक स्वर्गीय गोविंद सिंह रावल रीठागाड़ी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। लोक कलाकारों ने 2 मिनट का मोहन रखकर दिवंगत आत्मा के शांति के लिए प्रार्थना की।

लोक कलाकार महासंघ के अध्यक्ष एवं इस दौरान देवभूमि मां शारदे के निदेशक गोपाल चम्याल ने  स्वर्गीय गोविंद सिंह रावल रीठागाड़ी के जीवन से जुड़े अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि उनका जाना बहुत खलता है। ऐसे प्रख्यात लोक गायक एवं जागरी शैली गायन के महारथी कलाकार हमेशा याद किए जायेंगे। 

वरिष्ठ कलाकार एवं वर्तमान में भाजपा जिला उपाध्यक्ष प्रकाश भट्ट ने कहा कि स्वर्गीय गोविंद सिंह रावल रीठागाड़ी जागर लोक गायकी के प्रख्यात गायको में शामिल रहे हैं उनके गीतों की पंक्तियां बहुत गहराई के साथ लोक धूनों पर आधारित रहती थी रीठागाड़ क्षेत्र से प्रख्यात लोक गायक मोहन सिंह रीठागाड़ी, चंदन सिंह रीठागाड़ी, गिरीश सिंह रीठागाड़ी, प्रताप सिंह रीठागाड़ी एवं गोविंद सिंह रावल रीठागाड़ी हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय गोविंद सिंह रीठागाड़ी बहुत ही सरल एवं सहज स्वभाव के व्यक्तित्व के धनी थे वह हरफनमौला कलाकार थे और हर परिस्थिति में ढल के काम को किया करते थे ।

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विहान संस्था के निदेशक देवेंद्र भट्ट ने  स्वर्गीय गोविंद सिंह  के बारे में बताते हुए बताया कि राज्य स्तरीय बसंत महोत्सव रामनगर में जब उनके दल के साथ गोविंद सिंह रावल जी ने जागरी गायकी करी तो समस्त गढ़वाल , जौनसार एवं कुमाऊं के बहुत से लोक गायको में निर्णायक मंडल के द्वारा उनकी जागरी गायकी की खूब सराहना करते हुए उनको सर्वश्रेष्ठ गायक के खिताब से नवाजा गया ये क्षण विहान दल के लिए मेरे लिए एवं स्वर्गीय गोविंद सिंह रीठागाड़ी जी के लिए बहुत सम्मान  जनक एवं स्मरणीय थे जो हमेशा मुझको रीठागाड़ी जी की एवं उनकी लोक गायिका याद दिलाते रहेंगे।

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वरिष्ठ रंगकर्मी रमेश लाल ने कहा की स्वर्गीय गोविंद सिंह जमीनी कलाकार रहे हैं। वे हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहे हैं । राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार साथ ही कलाकारों के हितों के लिए निर्धारित संस्कृति निदेशालय से मेरा निवेदन है की प्रख्यात कलाकारों के घर में जल्द से जल्द आर्थिक सहायता पहुंचने का प्रबंध किया जाए , अपने संपूर्ण जीवन को लोक गायकी लोक संस्कृति के लिए समर्पित करने वाले कलाकारों को और उनके घरवालों को कुछ राहत मिल सके।

शोकसभा में मनोज चम्याल, ममता वाणी भट्ट, प्रियंका चम्याल, वरिष्ठ लोक गायक दीवान कनवाल, डॉ ललित जोशी, वरिष्ठ कलाकार नारायण थापा, सॉन्ग एंड ड्रामा के भास्कर जोशी  कलाकार हिमांशु कांडपाल , वरिष्ठ लोक गायिका शीला पंत , चंदन कुमार , नवयुवक सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेश लाल, वरिष्ठ रंग कमी चंद्रशेखर आर्या ,रिंकू कुमार, मदन बिष्ट आदि शामिल रहे और वर्चुअल रूप से वरिष्ठ रंगकर्मी  त्रिभुवन गिरि,आलोक वर्मा, नवीन बिष्ट, मनमोहन चौधरी एवं जय नंदा लोक कला केंद्र के निदेशक चंदन बोरा  ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। 

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