हिमाचल में मानसून सीजन का नुकसान, अब तक 110 लोगों की हो चुकी है मौत

शिमला। हिमाचल में मानसून सीजन का नुकसान एक हजार करोड़ को पार कर गया है। बीते 47 दिन में यह नुकसान दर्ज किया गया है। हिमाचल में मानसून 27 जून को दाखिल हुआ था और उसके बाद से लगातार बारिश और बादल फटने की घटनाएं प्रदेश में हुई हैं। शिमला, मंडी और कुल्लू में बादल फटने की घटना में एक ही दिन में 55 लोग लापता हो गए थे, इनकी तलाश में रेस्क्यू आपरेशन अब तक चलाए जा रहे हैं। अब तक 27 शवों को बरामद किया जा चुका है। बीते दिनों ऊना में हुए एक हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक अब भी लापता है। मानसून सीजन शुरू होने के बाद से अभी तक प्रदेश में 110 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से मंडी में सबसे ज्यादा 21 लोगों की जान गई है, जबकि कांगड़ा में 19, ऊना में 11, शिमला में 10, सिरमौर में नौ, चंबा, कुल्लू और सोलन में आठ, हमीरपुर में चार, किन्नौर में तीन और लाहुल-स्पीति में दो लोगों की मौत हुई है।

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प्रदेश भर में 33 लोग अभी लापता हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 19 शिमला से, कुल्लू से 12, जबकि मंडी और लाहुल-स्पीति में एक-एक व्यक्ति लापता है। शिमला से लापता लोगों की तलाश में जुटे रेस्क्यू दल ने सोमवार को एक और शव बरामद किया है। मानसून के दौरान अभी तक सबसे ज्यादा नुकसान पीडब्ल्यूडी को हुआ है। कुल नुकसान में 46 प्रतिशत हिस्सा पीडब्ल्यूडी का ही है। पीडब्ल्यूडी को 436 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है। इसके अलावा जलशक्ति विभाग को 403 करोड़, बागबानी विभाग को 139 करोड़, कृषि विभाग को एक करोड़ 32 लाख, जबकि बिजली

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पूर्व मेयर के वार्ड के इस मोहल्ले में बजबजाती नालियां, सड़कों पर मौत के गड्ढे

मौसम विभाग ने आगामी चौबीस घंटे के लिए तीन जिलों शिमला, कुल्लू और सिरमौर में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई है और तीनों जिलों के प्रशासन को अलर्ट रहने की सलाह दी है। प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी बारिश की संभावना रहेगी। मौसम विभाग ने चेतावनी वाले इलाकों में लोगों को नदी और नालों के समीप न जाने की सलाह दी है। साथ ही भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में खास एहतियात बरतने को कहा गया है।

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