नालागढ़ अपडेट : दवा उद्योग के टैंक में डूबकर मरने वाला दूसरा श्रमिक सरकाघाट का, पत्नी ने रखा था करवाचौथ व्रत और आ गई पति की मौत की सूचना
नालागढ़। उस पत्नी को पता ही नहीं था कि जिस पति की लंबी उम्र के लिए आज पूरा दिन व्रत रखकर वह चांद निकलने पर अपना व्रत तोड़ेगी उस पति की मौत की खबर सुनकर ही उसे अपना व्रत तोड़ना पड़ेगा। नालगढ़ के प्लासड़ा स्थित किन्विन कंपनी के प्लांट के टैंक में डूब कर मरने वाले दोनों श्रमिकों की पत्नियों की कमोबेश यही स्थिति थी।
इनमें से एक श्रमिक हिमाचल के मंडी जिले के सरकाघाट के झांझिल गांव का रहने वाला था तो दूसरा यूपी के बदायूं के जखालियां गांव के रहने वाला था। दोनों की पत्नियों को शाम तक नहीं बताया गया है कि जिस सुहाग की लंबी उम्र के लिए उन्होंने आज व्रत रख है, उनका वह सुहाग आज दोपहर बाद ही उजड़ चुका है।
इस घटनाक्रम में अब पुलिस की लिखित विवरण भी प्राप्त हो गया है। पुलिस का कहना है कि श्रमिकों की केमिकल टैंक में डूबने से नहीं बल्कि प्रमिट टैंक में डूबने से मृत्यु हुई है। लेकिन पुलिस की प्रथमदृष्टया जांच में इस दर्दनाक हादसे के पीछे कंपनी प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। आज घटना की सूचना मिलने के बाद जब स्थानीय मीडिया उद्योग के गेट पर पहुंचा तो पुलिस के अलावा किसी को अंदर नहीं जाने दिया गया। बाद में मीडियाकर्मी बिना समाचार जुटाए ही वापस लौट गए।
आज सुबह सरकाघाट के झांझिल निवासी 38 वर्षीय प्रदीप को जब काम पर बुलाया गया तो उसे शायद यह पता ही नहीं था यह उसकी जिंदगी का आखिरी ड्यूटी होगी। परिजनों के मुताबिक प्रदीप सुबह ही नाइट शिफ्ट करके वापस लौटा था। आज सुबह उसे प्रबंधन की ओर से दिन की शिफ्ट करने का भी निर्देश मिला। उसने काफी ना नुकुर की लेकिन प्रबंधन ने इस टैंक के सैंपल आज ही लेने की बात कहते हुए उसे ड्यूटी पर आने के लिए मजबूर कर दिया।
उसने पत्नी के करवाचौक के व्रत की बात भी प्रबंधन के सामने रखी थी। बताया गया है कि प्रदीप कंपनी में आपरेटर के पद पर कार्यरत था। दूसरी ओर इसी फैक्ट्री में काम करने वाले 38 वर्षीय बदायूं निवासी राजू राज नामक श्रमिक को भी टैंक से सेंपल एकत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
दोपहर 12 बजे के आसपास प्रदीप प्रमिट टैंक से पानी का सैंपल लेने के लिए नीचे उतर ही रहा था कि अचानक उसका पैर फिसला और वह सीधे कई फीट गहरे पानी के टैंक में जा गिरा। बताया जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम को ऊपर खड़ा राजू राज देख रहा था, प्रदीप को टैंक में डूबता देख उसने भी बिना समय गवांए टैंक में छलांग लगा दी। दोनों ही देखते देखते इस गहरे टैंक में डूब गए।
पुलिस का कहना है कि गहरे पानी में आक्सीजन कम होने के कारण उनकी मौत हुई होगी। फिलहाल पुलिस ने टैंक को प्रमिट टैंक बताया है।
जब घटना की जानकारी नालागढ़ के मीडिया को लगी तो मीडिया कर्मी भी मौके पर पहुंच गए। ठीक इसी दौरान पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन कंपनी के गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने पुलिस के अलावा किसी भी व्यक्ति को अंदर नहीं जाने दिया। काफी देर यहीं इंतजार करने के बाद भी जब मीडियाकर्मियों को एंट्री नहीं मिलली तो वे घटनाक्रम की खबर किए बगैर यहां से खाली हाथ लौट गए।
अब पूरे मीडिया जगत को इस खबर की एक एक जानकारी के लिए पुलिस का सहरा लेना होगा। मीडियाकर्मियों का कहना था कि कंपनी में कुछ गलत नहीं हुआ था तो मीडिया को अंदर जाने से क्यों रोका गया।
इधर प्रदेीप की पत्नी को उसके पानी में गिरने की जाकारी मिली तो वह आस पड़ोस की महिलाओं के साथ चिकित्सालय जा पहुंची। उसे नहीं बताया गया कि प्रदीप की मृत्यु हे चुकी है। शाम तक उसे नहीं मालूम था कि प्रदीप उसे अब कभी करवाचौथ व्रत तोड़ने के लिए पानी नहीं पिला सकेगा।
प्रदीप के दो बच्चे हैं। एक बच्चा पांच साल का है और दूसरा दो साल का। कुछ यही हालत राजू राज के घर पर है। उसके परिजन बदायूं से नालागढ़ के लिए चल पड़े हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक ने फैक्ट्री पहुंच कर मौके का निरिक्षण किया । पुलिस द्वारा देर सायं जारी की गई मीडिया रिपोर्ट में यह हादसा कम्पनी प्रबंधन की लापरवाही व सुरक्षात्मक द्रष्टीकोण में बरती गई लापरवाही के कारण हुआ है। जिस पर कम्पनी प्रबंधन के खिलाफ सुरक्षा प्रबंध ना होने के कारण अभियोग पंजीकृत थाना किया जा रहा है । पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।