बागेश्वर ब्रेकिंग : पलायन आयोग की रिपोर्ट में जिले के 34 गांव चिन्हित, पलायन रोकने के लिए होगा विकास

बागेश्वर। देवभूमि में पलायन एक विकराल रूप धारण कर चुकी है।सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद गांव के गांव खाली हो रहे हैं। वहीं सरकार अब इस पर गंभीरता से कार्य करने की मंशा बना रही है। आज जिले में पलायन रोकने व पलायन प्रभावित गांव के लिए ठोस कार्ययोजना बनाये जाने के लिए जिलाधिकारी विनीत कुमार की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना की जिला स्तरीय समिति की बैठक की गयी।

जिसमें जिलाधिकारी द्वारा इस योजना को सफल बनाने के लिए वर्ष 2021-22 के लिए विभिन्न रेखीय विभागों द्वारा तैयार किये गये 118.79 लाख की प्रस्तावित धनराशि को स्वीकृति प्रदान की गयी। जिसमें मुख्यमंत्री पलायन आयोग से 105.01 लाख तथा विभागीय कन्र्वजैन्स से 13.78 लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी है। बैठक में अपर परियोजना निदेशक शिल्पी पंत ने बताया है कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में पलायन रोकने तथा इस हेतु राज्य स्तर पर पलायन प्रभावित गांव के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने के लिए ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग का गठन किया गया है।


जिसमें 50 प्रतिशत तक पलायन से प्रभावित गांवों की सूची पलायन आयोग द्वारा ग्राम विकास विभाग को उपलब्ध करायी गयी है। जनपद बागेश्वर के 34 राजस्व ग्रामों को चिन्हित किया गया है जिसमें 50 प्रतिशत तक पलायन हुआ है, जिसमें विकास खण्ड गरूड़ में 19, कपकोट में 10 तथा बागेश्वर में 5 गाँव शामिल है।


इन गांवों के लिए सरकार द्वारा विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। जिसमें लघु सिंचाई विभाग द्वारा सोलर लिफ्ट से किसानों को सिंचाई सुविधा, उरेडा द्वारा सोलर रूफटॉफ जिससे नि:शुल्क बिजली उपलब्ध होगी, कृषि विभाग द्वारा कृषि उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे तथा उद्यान विभाग द्वारा पालीहाउस की स्थापना की जायेगी तथा पशुपालन विभाग द्वारा गौ पालन हेतु कार्ययोजना तैयार की गयी है।

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