अल्मोडा—- बेस चिकित्सालय की आपातकालीन रात्रि सेवा भगवान भरोसे, सीनियर चिकित्सकों का इमरजेंसी में उपस्थित न होना मरीजों के लिए खतरे की घंटी- बिट्टू कर्नाटक

अल्मोड़ा- विगत रात्रि बेस चिकित्सालय के इमरजेंसी में इलाज कराने आए व्यक्ति द्वारा दूरभाष पर उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष एवम पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक को सूचना दी गई कि बेस चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड की स्वास्थ सुविधाएं दुरुस्त नहीं है।इस पर रात्रि दस बजे कर्नाटक बेस चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे।बेस चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड की स्थिति पर पूर्व दर्जा मंत्री कर्नाटक ने गहरा रोष व्यक्त किया।

कर्नाटक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज का हिस्सा होने के बावजूद भी ऐसा प्रतीत होता है कि बेस चिकित्सालय की इमरजेंसी वार्ड की स्वास्थ्य सेवाएं स्वयं बीमार पड़ी है।मरीजों को देखने के लिए कोई भी वरिष्ठ चिकित्सक इमरजेंसी वार्ड में मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर एवं ट्रेनियो के द्वारा मरीजों का उपचार किया जा रहा था।इसके अलावा वार्ड में समुचित सुविधाएं उपलब्ध ना होने पर कर्नाटक ने गहरा रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मरीजों के बिस्तर के बगल में पर्दे तक नहीं लगाए गए हैं।महिलाएं,बालिकाएं यदि उपचार के लिए यहां आती हैं तो ऐसे में प्राइवेसी के लिए पर्दे तक की समुचित व्यवस्था इमरजेंसी वार्ड में नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वहां पर उपस्थित जूनियर डॉक्टरों का व्यवहार भी जनता के प्रति बिल्कुल ठीक नहीं है।

कर्नाटक ने कहा कि चिकित्सक भगवान का रूप होते हैं ऐसे में जनता के प्रति उन्हें सदैव विनम्र होना चाहिए।परंतु विगत रात्रि आपातकालीन कक्ष में बैठे जूनियर चिकित्सकों का व्यवहार उपचार के लिए आए हुए लोगों के प्रति बेहद कठोर एवं उद्दंड था।उन्होंने कहा कि बेस चिकित्सालय में अधिकतर मध्यमवर्ग एवं गरीब वर्ग के लोग उपचार हेतु आते हैं यदि ऐसे में चिकित्सको के द्वारा उनके साथ कठोर एवं उद्दंड भाषा में बात की जाएगी तो मरीज बेचारा कहां जाएगा।उन्होंने कहा कि जल्द ही इस संबंध में वे अल्मोड़ा सीएमओ से बात करेंगे और यदि आवश्यकता पड़ी तो इसकी शिकायत डीजी हेल्थ एवं स्वास्थ्य सचिव से भी करेंगे।उन्होंने कहा कि इतने बड़े मेडिकल कॉलेज का हिस्सा होने के बावजूद बेस चिकित्सालय की स्वास्थ्य सेवाएं रात्रि में चाक चौबंद नहीं है।उन्होंने कहा कि रात्रि में जितने भी मरीज यहां पर आते हैं उन्हें तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि चिकित्सालय के इस इमरजेंसी वार्ड में एक सीनियर डाक्टर की नियुक्ति आवश्यक रूप से की जाए।

उन्होंने आगे कहा कि यदि बेस चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड की दशा अविलंब नहीं सुधरी,चिकित्सकों के व्यवहार में बदलाव नहीं आया एवं आने वाले समय में यदि किसी भी प्रकार से मरीजों को यहां पर असुविधा का सामना करना पड़ा तो वे जनहित में बेस चिकित्सालय प्रशासन एवं जनता के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ आंदोलनात्मक कार्यवाही करने को बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी बेस चिकित्सालय प्रशासन की होगी।उन्होंने कहा कि आवश्यक रूप से बेस चिकित्सालय के अधिकारी इस बात का संज्ञान ले और यदि आवश्यकता पड़ती है तो अपने चिकित्सकों को समझाएं कि जनता के साथ नम्रता से व्यवहार किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जनता के लिए भगवान का रूप होने वाले चिकित्सक स्वयं को सर्वे सर्वा ना समझे, उन्हें सरकार ने यहां पर जनता के इलाज के लिए नियुक्त किया है ना कि जनता के साथ अभद्रता करने के लिए।

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